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सीजीसी यूनिवर्सिटी में एआई और डेटा साइंस पर राष्ट्रीय सेमिनार

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज (सीईसी), झंजेड़ी, मोहाली में एआईसीटीई-वाणी 2.0 योजना के अंतर्गत दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सफल आयोजन किया गया। इस सेमिनार ने देशभर के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को एक साझा मंच प्रदान किया, जहां...
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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज (सीईसी), झंजेड़ी, मोहाली में एआईसीटीई-वाणी 2.0 योजना के अंतर्गत दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सफल आयोजन किया गया। इस सेमिनार ने देशभर के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को एक साझा मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा साइंस जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर अपने विचार और अनुभव साझा किए। इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य तकनीकी शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना था। खासकर उन्नत इंजीनियरिंग अवधारणाओं को क्षेत्रीय भाषाओं में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया, जिससे छात्रों को सीखना और भी सहज हो सके। यह पहल न केवल एआईसीटीई-वाणि 2.0 की भावना के अनुरूप है, बल्कि 2047 तक ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने में सीईसी, झंजेड़ी की अहम भूमिका को भी दर्शाती है। दो दिनों तक चले इस सेमिनार में इंडस्ट्री 5.0 के संदर्भ में एआई और डेटा साइंस से जुड़े कुल नौ तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में विभिन्न कॉलेजों के 60 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। वक्ताओं ने न केवल सैद्धांतिक पहलुओं पर, बल्कि व्यावहारिक औद्योगिक अनुप्रयोगों पर भी विस्तार से चर्चा की।

मुख्य वक्ताओं में डॉ. बबन कुमार, डॉ. सरताजवीर सिंह, श्री तेजिंदर पाल सिंह जस्सल, डॉ. रूपिंदर सिंह, डॉ. गुरिंदर सिंह बराड़, डॉ. इंदरदीप सिंह, श्री दीपक शर्मा, डॉ. सी.पी. कंबोज और श्री वरुण शर्मा शामिल रहे। उन्होंने इंडस्ट्री 5.0 की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करते हुए एआई के नैतिक उपयोग, डेटा-आधारित निर्णय प्रक्रिया तथा अंतर्विषयक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि एआई और डेटा साइंस केवल उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनसे एक टिकाऊ, समावेशी और जिम्मेदार डिजिटल भविष्य भी बनाया जा सकता है।

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