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सीजीसी झंजेड़ी में राष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित

विशेषज्ञों ने नए आपराधिक कानूनों में बदलावों पर की चर्चा
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मोहाली, 12 जुलाई (निस) चंडीगढ़ लॉ कॉलेज, सीजीसी झंजेड़ी द्वारा हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, शिमला के सहयोग से 'नए आपराधिक विधान में दृष्टिकोण में बदलाव और विकसित होते रूपों को समझना' विषय पर एक सप्ताह का राष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न लॉ कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों से आए कानून संकाय सदस्यों, शोधार्थियों और पेशेवरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना ने की, जबकि मुख्य भाषण प्रो. एस.डी. शर्मा (सोबन सिंह जीना यूनिवर्सिटी, अल्मोड़ा) ने दिया। प्रशिक्षण सत्रों में देश के कई प्रतिष्ठित कानूनी विशेषज्ञ शामिल हुए। इनमें प्रो. शरणजीत कौर (राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटियाला), प्रो. पूजा जैसवाल (बी.आर. आंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत), डॉ. ज़ुबैर अहमद खान (गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली), प्रो. अफजल वानी, एडवोकेट, प्रथम सेठी (पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट), और प्रो. जी.के. गोस्वामी (पूर्व आईपीएस, लखनऊ) प्रमुख रहे। कार्यक्रम का समापन सत्र धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर के कुलपति प्रो. मनोज कुमार सिन्हा द्वारा वर्चुअली संबोधित किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक प्रो. जे.पी. यादव ने प्रबंधन और शैक्षणिक समन्वय की जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम में भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य अधिनियम जैसे नए कानूनों के अलावा पुलिस सुधार, डिजिटल साक्ष्य और फॉरेंसिक विज्ञान की भूमिका पर भी चर्चा की गई। सीजीसी झंजेड़ी के प्रबंध निदेशक अर्श धालीवाल ने कहा कि ऐसी पहलें हमारे शिक्षकों को न केवल सशक्त बनाती हैं, बल्कि भारत की न्याय प्रणाली में भी सुधार का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

 

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