मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

PGI में NAMSCON 2025 की शुरुआत : तकनीक, नवाचार और करुणा से तय होगा स्वास्थ्य सेवा का भविष्य

NAMSCON 2025 देश के चिकित्सा जगत का सबसे प्रतिष्ठित मंच ‘एनएएमएसकॉन 2025’ शुक्रवार को पीजीआई चंडीगढ़ में एक प्रेरक शुरुआत के साथ खुला। तीन दिवसीय इस सम्मेलन ने डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं को एक ही छत के नीचे लाकर यह...
पीजीआई चंडीगढ़ में आयोजित क्रिटिकल केयर और डिजास्टर मैनेजमेंट कार्यशाला के दौरान मजबूत फर्स्ट रिस्पांस टीम के निर्माण पर चर्चा करते विशेषज्ञ। - ट्रिब्यून फोटो
Advertisement

NAMSCON 2025 देश के चिकित्सा जगत का सबसे प्रतिष्ठित मंच ‘एनएएमएसकॉन 2025’ शुक्रवार को पीजीआई चंडीगढ़ में एक प्रेरक शुरुआत के साथ खुला। तीन दिवसीय इस सम्मेलन ने डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं को एक ही छत के नीचे लाकर यह संदेश दिया कि तकनीक तभी सार्थक है जब उसमें इंसानियत और करुणा शामिल हो।

Advertisement

65वां वार्षिक सम्मेलन नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (इंडिया) का यह आयोजन है, जिसमें देशभर से 300 से अधिक शीर्ष चिकित्सक, शोधकर्ता और शिक्षाविद भाग ले रहे हैं। पहले दिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आपदा प्रबंधन, डिजिटल स्वास्थ्य और अनुसंधान में पारदर्शिता जैसे विषयों पर गहन चर्चाएं हुईं।

पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि एनएएमएसकॉन 2025 ने यह दिखाया है कि तकनीक, नवाचार और सहानुभूति साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवा का भविष्य गढ़ सकते हैं। हर सत्र ने चिकित्सा जगत के मूल मूल्यों विज्ञान, सेवा और मानवीय संवेदना को नए सिरे से परिभाषित किया।

उन्होंने कहा कि पीजीआई और एनएएमएस का यह सहयोग चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को केवल आधुनिक नहीं बना रहा, बल्कि अधिक समावेशी और मानवीय दिशा भी दे रहा है।

प्रमुख सत्र और चर्चाएं

क्रिटिकल केयर और डिजास्टर मैनेजमेंट : विशेषज्ञों ने अस्पतालों की तैयारी और आपात स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया प्रणाली पर जोर दिया।

हेल्थ टेक्नोलॉजी असेसमेंट : चिकित्सकों और नीति-निर्माताओं ने साक्ष्य-आधारित चिकित्सा तकनीकों को आम जनता तक समान रूप से पहुंचाने पर बल दिया।

एआई और ओमिक्स टेक्नोलॉजी : विशेषज्ञों ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जीनोमिक प्लेटफॉर्म कैसे एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस से लड़ाई में क्रांति ला रहे हैं।

एआई आधारित ‘सिस्टेमेटिक रिव्यू और मेटा-एनालिसिस’ कार्यशाला : युवा शोधकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और डाटा विश्लेषण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।

बायोसेफ्टी और हाई-रिस्क पैथोजन हैंडलिंग : अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रयोगशाला सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश साझा किए गए।

टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ : इन सत्रों ने दिखाया कि तकनीक कैसे दूरस्थ इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवा की निरंतरता बनाए रख सकती है।

‘जेनएआई के प्रयोग से वैज्ञानिक लेखन’ सत्र : प्रतिभागियों ने सीखा कि जनरेटिव एआई किस तरह शोध लेखन को अधिक प्रभावशाली और सटीक बना सकता है।

आज होगा भव्य दीक्षांत समारोह

सम्मेलन के दूसरे दिन 8 नवंबर को शाम 5 बजे पीजीआईएमईआर के नाइन ऑडिटोरियम में एनएएमएस (इंडिया) का 65वां दीक्षांत समारोह आयोजित होगा।

इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. आशीम कुमार घोष मुख्य अतिथि होंगे, जबकि नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। एनएएमएस (इंडिया) के अध्यक्ष डॉ. दिगंबर बेहरा भी समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

समारोह में नव-निर्वाचित फैलोज, एसोसिएट फैलोज और सदस्यों को चिकित्सा, अनुसंधान और जनस्वास्थ्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन भारतीय चिकित्सा विज्ञान के गौरव और सेवा की भावना का उत्सव बनेगा।

 

Advertisement
Tags :
AI in medicineinnovation in healthcareNAMS convocationएनएएमएसकॉन 2025चिकित्सा सम्मेलनपीजीआईएमईआर
Show comments