Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

नायब तहसीलदार वरिंदरपाल धूत नौकरी से बर्खास्त

पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन की जारी

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
वरिंदर पाल सिंह धूत
Advertisement

मोहाली, 26 फरवरी (हप्र) जिला मोहाली की अलग-अलग तहसील में रह चुके नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह धूत को पंजाब सरकार ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। पंजाब सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी पुष्टि की है। वरिंदरपाल सिंह धूत के खिलाफ 17 मार्च 2022 को आरोप पत्र जारी किया गया था। आरोप था कि जब वह नायब तहसीलदार माजरी (जिला मोहाली) थे तो एडीसी-सह-कलेक्टर मोहाली द्वारा पारित 1 जुलाई 2016 के निर्देशों के आधार पर गांव स्यूंक तहसील खरड़ की राजस्व संपत्ति में आने वाली शामलात भूमि के स्वामित्व का हस्तांतरण कर दिया था। राजस्व विभाग के निर्देशों अनुसार इसमें यह विशेष रूप से यह कहा गया था कि शामलात भूमि को किसी भी तरह से हस्तांतरित नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बावजूद 10365 कनाल 19 मरले वाली शामलात भूमि को निजी व्यक्तियों के पक्ष में आरोपी वरिंदरपाल सिंह धूत ने अवैध रूप से मंजूर किया था। इसके अलावा उत्परिवर्तन दर्ज करते समय कई खेवटदारों, कब्जकारों के शेयरों को उनके वास्तविक शेयरों की तुलना में या तो बढ़ा दिया गया है या घटा दिया गया। कुछ मामलों में जहां खेवटदारों के पास कोई हिस्सा नहीं था, तब भी उनके नाम शेयर धारकों के रूप में शामिल किए गए थे।

Advertisement

धूत ने आरोप पत्र पर अपना जवाब 7 जून 2022 को प्रस्तुत किया था। तत्पश्चात 1 जुलाई 2022 के निर्देशों पर बीआर बंसल (अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सेवानिवृत्त) को वर्तमान मामले में नियमित जांच करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच अधिकारी ने बाद में अपनी जांच रिपोर्ट में माना कि वरिंदरपाल सिंह धूत नायब तहसीलदार के खिलाफ आरोप सिद्ध हैं। अपने रिकार्ड में बंसल ने कहा था कि म्यूटेशन के बारे में प्रविष्टि का अवलोकन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि स्वामित्व के कॉलम में विचाराधीन भूमि को शामलात के रूप में दर्ज किया गया है और इस तरह उस स्थिति में यह नहीं कहा जा सकता है कि यह भूमि शामलात नहीं थी, जो निश्चित रूप से पंजाब ग्राम आम भूमि अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार ग्राम पंचायत में निहित थी। नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह धूत के खिलाफ आरोप पूरी तरह से साबित होने के बाद 19 जनवरी 2023 को जांच रिपोर्ट की एक कॉपी वरिंदरपाल सिंह धूत को भेजी गई थी।

Advertisement

Advertisement
×