महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए प्रेस क्लब में बहु-हितधारक संवाद
सेल्फ-एम्प्लॉयड वीमेन’स एसोसिएशन (SEWA) पंजाब ने कनाडा के उच्चायोग के सहयोग से और समवेदा के समर्थन से “सभी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए एकजुट हों – लैंगिक आधारित हिंसा को समझना: पुरुषत्व पर एक...
सेल्फ-एम्प्लॉयड वीमेन’स एसोसिएशन (SEWA) पंजाब ने कनाडा के उच्चायोग के सहयोग से और समवेदा के समर्थन से “सभी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए एकजुट हों – लैंगिक आधारित हिंसा को समझना: पुरुषत्व पर एक नया दृष्टिकोण” शीर्षक से एक बहु-हितधारक पैनल चर्चा का आयोजन प्रेस क्लब, सेक्टर 27-बी, चंडीगढ़ में किया।
वैश्विक 16 डेज़ ऑफ़ एक्टिविज़्म अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में समुदाय के नेताओं, लैंगिक-अधिकार कार्यकर्ताओं, सिविल सोसायटी संगठनों, कानूनी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, सरकारी प्रतिनिधियों और मीडिया ने भाग लिया। इस पैनल का उद्देश्य लैंगिक आधारित हिंसा (GBV) की रोकथाम को अधिक समावेशी और पुरुषत्व-आधारित दृष्टिकोण से समझने, हस्तक्षेप करने और शोध, नीति-निर्माण तथा क्रियान्वयन के बीच समन्वय स्थापित करना था।
SEWA पंजाब की राज्य समन्वयक, हर्षरण कौर ने इस पायलट पहल की पृष्ठभूमि साझा की और मोहाली में युवा पुरुषों के साथ आयोजित पहले दो फोकस ग्रुप डिस्कशन (FGDs) से प्राप्त प्रमुख निष्कर्ष प्रस्तुत किए। उन्होंने पुरुषत्व, जिम्मेदारी की धारणा और GBV से जुड़े जागरूकता अंतराल पर उभरते विषयों को रेखांकित किया—जो यह बताते हैं कि लड़कों और पुरुषों के साथ सतत सामुदायिक संवाद की आवश्यकता है।
सत्र की शुरुआत भारत स्थित कनाडा उच्चायोग, नई दिल्ली के काउंसलर – पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, पब्लिक अफेयर्स और प्रोटोकॉल, श्री जेफ़्री डीन के संबोधन से हुई। उन्होंने GBV का समाधान खोजने में संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और भारत में हानिकारक लैंगिक मानदंडों को चुनौती देने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता को सामने रखा।
पैनलिस्टों ने जोर देकर कहा कि GBV का समाधान पुरुषों को केवल अपराधी के रूप में देखने से आगे बढ़कर उन सामाजिक, सांस्कृतिक और संरचनात्मक दबावों को समझने में है जो पुरुषत्व की पहचान को आकार देते हैं। उन्होंने निरंतर सामुदायिक संवाद, जागरूकता निर्माण, और ऐसे सुरक्षित स्थान बनाने की आवश्यकता पर बल दिया जहाँ पुरुष और लड़के बिना भय या कलंक के सामाजिक मानदंडों पर विचार कर सकें।
कार्यक्रम का समापन महिला एवं बाल विकास विभाग, चंडीगढ़ की निदेशक, श्रीमती अनुराधा शर्मा चगती के संबोधन से हुआ। उन्होंने GBV से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को साझा किया और इस बात पर भी जोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह लड़कों को महिलाओं के प्रति समानता, सहानुभूति और सम्मान की भावना के साथ बड़ा करे।
यह पैनल चर्चा SEWA पंजाब के उस चल रहे पायलट कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें पंजाब भर में FGDs के माध्यम से पुरुषत्व और GBV के प्रति सामुदायिक धारणाओं को समझा जा रहा है। पैनल से प्राप्त अंतर्दृष्टियाँ मार्च 2026 तक निर्धारित FGDs के अगले चरण को और सुदृढ़ बनाने में सहायक होंगी।
SEWA पंजाब ने कनाडा के उच्चायोग, समवेदा और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने सुरक्षित और अधिक समानतापूर्ण समुदाय बनाने के उद्देश्य से इस सार्थक और समाधान-केंद्रित संवाद में योगदान दिया।
पैनल में शामिल प्रमुख वक्ता
डॉ. रैनूका दागर, पीएच.डी., जेंडर और इंक्लूजन विशेषज्ञ
डॉ. उपनीत लल्ली, हेड – ट्रेनिंग एवं रिसर्च, इंस्टीट्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन
गुरफतेह सिंह खोसा, एडवोकेट, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट
हरजेश्वर पाल सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, इतिहास विभाग, एसजीजीएस कॉलेज
संचालन: अरूति नायर, पत्रकार एवं वाइस प्रेसिडेंट, समवेदा

