सांसद तिवारी का संसद में नहीं पेश हुआ प्राइवेट मेंबर बिल
चंडीगढ़ से 5 वर्ष के लिए जनता की ओर से मेयर चुनने का सांसद मनीष तिवारी का शुक्रवार को भी संसद में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने का प्रयास सिरे नहीं चढ़ सका। इसका उद्देश्य चंडीगढ़ के मेयर का सीधे जनता द्वारा चुना जाने वाला पांच वर्षीय कार्यकाल तय करना और मेयर इन काउंसिल प्रणाली के माध्यम से नगर निगम को अत्यधिक शक्तियां प्रदान करना है।
यह प्रस्ताव शुक्रवार दोपहर तीन बजे सदन स्थगित होने के कारण पेश नहीं हो सका। यह पांचवीं बार है जब यह प्रस्ताव सूचीबद्ध तो हुआ, लेकिन पेश नहीं हो पाया। तिवारी ने कहा कि चंडीगढ़ के लिए दो बुनियादी सुधार जरूरी हैं। पहला एक सशक्त नगर निगम जिसमें भूमि, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था को छोड़कर सभी विषय शामिल हों। दूसरा राज्य सभा में चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। मनीष तिवारी ने तीन दिसंबर 2021 और नौ अगस्त 2024 को भी चंडीगढ़ के लिए राज्य सभा की सीट के संबंध में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था। तिवारी ने सभी राजनीतिक दलों और चंडीगढ़ के नागरिकों से अपील की कि वे चंडीगढ़ के लिए एक नए प्रशासनिक और शासन ढांचे पर राजनीतिक एवं नागरिक सहमति बनाएं, जिससे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्रभावित न हो और
नगर निगम को वास्तविक सशक्तिकरण मिले।
निगम सदन में भी पेश किया जा चुका प्रस्ताव
मेयर का पांच वर्षीय कार्यकाल किए जाने और प्रत्यक्ष रूप से चुने जाने का प्रस्ताव नगर निगम सदन में भी पेश कर पास किया जा चुका है। साथ ही मेयर इन काउंसिल बनाने का प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है। हालांकि निगम सदन के स्तर पर यह निर्णय नहीं हो सकता। इसके लिए लोकसभा राज्यसभा में बिल पेश कर कानून में संशोधन जरूरी है जोकि अभी तक सिरे नही चढ़ पाया।