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मोरनी-कालका के गांवों को मिलेगी पक्क ी सड़कें, पर्यटन को भी मिलेगा नया आयाम

19 गांवों के 61 किलोमीटर कच्चे रास्तों को पेवर ब्लॉक से बनाने के दिए निर्देश
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पंचकूला जिले के मोरनी और कालका क्षेत्र के 19 गांवों में अब कच्ची पगडंडियों और कीचड़भरे रास्तों से छुटकारा मिलने वाला है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि यहां करीब 61 किलोमीटर लंबे कच्चे रास्तों को पक्का कर 12 फुट चौड़ी पेवर ब्लॉक सड़कें बनाई जाएंगी। इन सड़कों के बन जाने से ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक पहुंच आसान होगी। बारिश और बरसाती नालों के चलते अब तक आवाजाही बेहद मुश्किल रहती थी। मोरनी हिल्स प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के बीच खास कच्ची सड़कों के कारण यहां आने वाले पर्यटकों को परेशानी होती थी। अब पक्की सड़कें बनने से न केवल गांवों के लोगों को राहत मिलेगी बल्कि पर्यटन को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा। बेहतर सड़कें बनने से होटल, होम-स्टे और छोटे व्यवसायों को भी गति मिलेगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।सोमवार को चंडीगढ़ में पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) तथा फोरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सड़कों को लेकर विशेष निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि सड़क निर्माण और मरम्मत कार्य में गुणवता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। तय समय सीमा में काम पूरा करना जरूरी होगा, अन्यथा जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।

पूरे प्रदेश में सड़क ढांचे को मजबूती

सीएम सैनी ने यह भी निर्देश दिए कि थापली-बधिशेर से कोटी, पिंजौर-मल्लाह से मंगनीवाला और गोबिंदपुर-थाथर मार्ग सहित कई सड़कों का निर्माण वन विभाग से एनओसी मिलते ही तुरंत शुरू किया जाए। इसके अलावा पानीपत-सफीदों (41 किमी), सफीदों-जींद (21.65 किमी), साहा चौक से पंचकूला-यमुनानगर फोरलेन, साहा चौक से कालपी और टोहाना-रतिया मार्ग को चौड़ा और मजबूत करने की भी तैयारी है।

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मुख्य बातें एक नज़र में

*मोरनी व कालका क्षेत्र के 19 गांवों में 61 किमी कच्ची सड़कें होंगी पक्की।

*ग्रामीणों की आवाजाही आसान, बच्चों व मरीजों को राहत।

*पर्यटन को बढ़ावा, स्थानीय युवाओं को रोजगार का मौका।

*गुणवत्ताहीन कार्य पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई।

*प्रदेशभर में कई मार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण की योजना।

ग्रामीणों और पर्यटन को होगा फायदा

इन पहाड़ी सड़कों के पक्के हो जाने से ग्रामीणों की जिंदगी आसान होगी, बच्चों को स्कूल और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में समय बचेगा। दूसरी ओर, मोरनी और कालका जैसे क्षेत्र पर्यटन के नए केंद्र बनकर उभर सकते हैं। सड़कें बेहतर होंगी तो पर्यटक आसानी से पहुंच पाएंगे और स्थानीय व्यापार को सीधा लाभ होगा।

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