साहित्य विज्ञान केंद्र, चंडीगढ़ की मासिक बैठक आयोजित
साहित्य विज्ञान केंद्र, चंडीगढ़ की मासिक बैठक टीएस सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी, सेक्टर-17 में हुई। अध्यक्ष मंडल में डॉ. जलौर सिंह खीवा, डॉ. लाभ सिंह खीवा, गुरदरशन सिंह मावी और दविंदर कौर ढिल्लों उपस्थित रहे। संस्था के प्रधान गुरदरशन सिंह मावी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और आज के आयोजन की रूपरेखा रखी। इस विशेष अवसर पर प्रसिद्ध विद्वान डॉ. जलौर सिंह खीवा का परिचय कराया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विख्यात व्यक्तित्व डॉ. लाभ सिंह खीवा ने की।
डॉ. जलौर सिंह खीवा ने साहित्य विज्ञान केंद्र के प्रधान गुरदर्शन सिंह मावी का धन्यवाद करते हुए रिश्तों, भाषा और साहित्य पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनके लिए भाषा का हर शब्द पवित्र है। दुनिया के बारे में अपनी सोच साझा करते हुए उन्होंने बताया कि यह ऐसी नाव है जो दो धाराओं पर एक साथ चलती है। उन्होंने अपनी ज़िंदगी को हादसों का समूह बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. लाभ सिंह खीवा ने कहा कि डॉ. जलौर सिंह खीवा ने बेहद सार्थक और नई बातें रखीं और समाज में हो रहे बदलावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभाओं का मकसद केवल कविताएं या गज़़लें सुनाना-सुनना नहीं होता, बल्कि एक-दूसरे को समझने और जोडऩे का माध्यम भी होता है। इसके बाद मोरिंडा से आए गुरनाम सिंह बिजली ने अपनी गज़़ल प्रस्तुत कर सभा को मंत्रमुग्ध किया। साहित्य चिंतन के प्रधान सरदारा सिंह चीमा ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर राजविंदर सिंह गड्डू, भरपूर सिंह, नरिंदर सिंह, रजिंदर कौर, बलविंदर सिंह ढिल्लों, मंदर गिल, परमजीत कौर परम, सचप्रीत कौर, मलकियत बसरा, गुरदेव पाल कौर, डॉ. मनजीत सिंह बल्ल, अमरजीत अर्पण, कर्नैल सिंह, प्रहलाद सिंह, बाबू राम दीवाना, जगपाल सिंह, राकेश शर्मा, खुशी राम, पियारा सिंह, डॉ. अवतार सिंह पतंग, पाल अजनबी, राही, सुरिंदर कुमार, लाभ सिंह लहिली, गुरनाम कंवर, ऊषा कंवर, मनजीत कौर मोहाली, जोगिंदर सिंह जग्गा, चरणजीत कौर बाठ, चरणजीत सिंह कलेर, प्रताप पारस, दिलबाग सिंह बाग, अवतार पाल, साहब सिंह अर्शी, हरजीत सिंह, नरिंदर सिंह डोरका, कुलविंदर कौर, वैशाली सुभाष चंदर, दमनप्रीत और रीना समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का मंच संचालन दविंदर कौर ढिल्लों ने बखूबी निभाया।