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Mohali News: मोहाली में महिला के वैरिकोज नसों का सफल उपचार

लेजर एब्लेशन और फोम स्क्लेरोथेरेपी ने दिया नया जीवन, मरीज उसी दिन घर लौट सकी
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चंडीगढ़, 21 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Mohali News: मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में 47 वर्षीय महिला के बाइलेटरल वैरिकोज़ वेन्स (सूजी हुई और टेढ़ी-मेढ़ी नसें) का सफल इलाज किया गया। महिला लंबे समय से पैरों में तेज दर्द, भारीपन और सूजन की समस्या से जूझ रही थी। इसके साथ ही, टखनों के आसपास की त्वचा काली पड़ चुकी थी, जो इस बीमारी के गंभीर चरण (सी3-4) का संकेत थी।

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फोर्टिस अस्पताल मोहाली में वैस्कुलर सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. रावुल जिंदल ने मरीज का अल्ट्रासाउंड (डॉपलर स्कैन) किया, जिसमें वाल्व में खराबी का पता चला। इसके बाद उन्होंने लेजर एब्लेशन और फोम स्क्लेरोथेरेपी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मरीज का इलाज किया।

डॉ. जिंदल ने बताया, "लेजर एब्लेशन क्रोनिक वेनस बीमारी के तहत होने वाली वैरिकोज़ नसों के लिए बेहद प्रभावी प्रक्रिया है। वहीं, फोम स्क्लेरोथेरेपी उभरी हुई नसों और स्पाइडर नसों के उपचार में उपयोगी है। यह प्रक्रिया लगभग 30 मिनट में पूरी होती है और मरीज उसी दिन अपनी दैनिक गतिविधियां शुरू कर सकता है।" मरीज को अस्पताल से उसी दिन छुट्टी दे दी गई और वह अब सामान्य जीवन जी रही हैं।

वैरिकोज़ नसों के खतरे और समाधान

डॉ. जिंदल ने बताया कि वैरिकोज़ नसें आमतौर पर जांघों और पिंडलियों में होती हैं, जो लंबे समय तक खड़े रहने या शारीरिक परिश्रम के कारण विकसित होती हैं। उन्होंने कहा, "यह समस्या वेनस सिस्टम की खराबी का संकेत देती है और समय पर विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।"

उन्होंने कहा, "आज वैरिकोज़ नसों के इलाज के लिए कई उन्नत तकनीक उपलब्ध हैं। लेजर और फोम स्क्लेरोथेरेपी जैसी प्रक्रियाएं मरीज को तेज़ राहत देती हैं, कम दर्दनाक होती हैं और रिकवरी भी तेजी से होती है। यह आधुनिक उपचार कम दवाइयों और कम देखभाल की आवश्यकता के साथ मरीज को सामान्य जीवन जीने में सक्षम बनाते हैं।"

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