मोहाली निगम की बढ़ाई सीमा : लोगों में उत्साह भी, चिंता भी
मोहाली नगर निगम की नई सीमा अधिसूचना ने इलाके के लोगों में उत्साह और चिंता दोनों ही पैदा कर दी हैं। जहां नए सेक्टरों के निवासी खुश हैं कि अब उनका क्षेत्र निगम के अधीन आ गया है, वहीं कई...
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मोहाली नगर निगम की नई सीमा अधिसूचना ने इलाके के लोगों में उत्साह और चिंता दोनों ही पैदा कर दी हैं। जहां नए सेक्टरों के निवासी खुश हैं कि अब उनका क्षेत्र निगम के अधीन आ गया है, वहीं कई लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अब उन पर नए करों का बोझ भी पड़ सकता है। नए क्षेत्रों के निवासी कहते हैं कि अब उन्हें चुना हुआ प्रतिनिधि मिलेगा, जो उनकी समस्याएं सुनकर विकास कार्यों को आगे बढ़ा सकेगा। सेक्टर 86 के मास्टर भूपिंदर सिंह भिंदा कहते हैं कि हमारे इलाके की हालत बहुत खराब है, सड़कों की स्थिति जर्जर है। अब जब हमारा क्षेत्र निगम में आ गया है, तो उम्मीद है कि विकास सही ढंग से होगा। एरोसिटी के जे ब्लॉक के हरशदीप सिंह सरा का कहना है- हमारे क्षेत्र का निगम में आना इसलिए भी अच्छा है कि अब हम अपना प्रतिनिधि चुन सकेंगे। आईटी सिटी के डी ब्लॉक के अशोक कुमार गर्ग ने भी खुशी जताई कि अब लोगों की सुनवाई होगी और विकास कार्यों में लोगों की राय ली जाएगी।दूसरी ओर कई निवासियों ने चिंता जताई कि नए क्षेत्र नगर निगम में शामिल होने से अब प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य शुल्क भी लग सकते हैं। उनका कहना है कि ये कर तभी लगाए जाने चाहिए जब चुने हुए प्रतिनिधि अपना कार्यभार संभाल लें। कई इलाकों के निवासियों ने यह भी बताया कि बिजली की भूमिगत तारें खराब पड़ी हैं और उन्हें बांसों के सहारे ऊपर लटकाया गया है, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, पीने के पानी में अधिक शोरा (लवणता) होने के कारण लोगों ने महंगे पानी शुद्ध करने वाले यंत्र लगवाए हुए हैं। समाजसेवी जतिंदर आनंद ने कहा कि ये सेक्टर भले ही निगम की सीमा में शामिल कर लिए गए हैं, लेकिन अभी निगम ने इन्हें गमाडा से अपने अधीन नहीं लिया है। इसलिए उचित यही रहेगा कि इन्हें तब ही संभाला जाए जब ये पूरी तरह विकसित हो जाएं। पुराने शहर के कुछ निवासियों ने यह चिंता जताई है कि नए क्षेत्रों की अधूरी विकास स्थिति का बोझ अब निगम पर पड़ेगा। उनका कहना है कि पहले से ही शहर में सड़कों और सफाई जैसी सेवाओं पर दबाव है, अब नए क्षेत्रों के जुड़ने से यह दबाव और बढ़ जाएगा। मोहाली की सीमा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले रामकुमार का कहना है- हमारे केस के दौरान जो अधिसूचना थी, उसकी जगह नई अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो गलत है। टीडीआई का इलाका, जो हीरो सिटी और आईटी सिटी से पहले विकसित हुआ था, उसे शामिल नहीं किया गया, जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अदालत का दरवाजा फिर खटखटाया जा सकता है।
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