मोहाली नगर निगम सीमा विस्तार : 20 को स्थानीय निकाय विभाग करेगा निजी सुनवाई
50 से अधिक आपत्ति दर्ज कराने वाले बुलाए गए
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मोहाली नगर निगम की सीमा बढ़ाने और संशोधन करने का मामला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। नगर निगम के कमिश्नर परमिंदर पाल सिंह संधू ने इस मुद्दे पर आपत्ति और सुझाव देने वालों के लिए निजी सुनवाई की तारीख 20 नवंबर तय की है। यह सुनवाई विभाग के सेक्टर-35ए स्थित ऑडिटोरियम में दोपहर 3 बजे होगी, जबकि रिपोर्टिंग समय 2:45 बजे निर्धारित किया गया है। कमिश्नर ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि क्षेत्रों के प्रतिनिधि केवल एक या दो सदस्य ही उपस्थित हों, ताकि भीड़ से बचा जा सके और प्रत्येक व्यक्ति को विस्तार से सुना जा सके। सीमा निर्धारण को लेकर अब तक लगभग 50 निवासियों और संस्थाओं द्वारा लिखित आपत्तियाँ और सुझाव भेजे गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद लोगों में काफी तनाव और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। पंजाब सरकार ने अक्तूबर 2025 में नया नोटिफिकेशन जारी कर एयरोसिटी, आई.टी. सिटी, सेक्टर-81, 82 सहित कई विकसित होते क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी। सीमा विस्तार के इस प्रस्ताव से जहां कुछ क्षेत्रों में शहरी सेवाओं की उम्मीद जगी है, वहीं कई निवासियों ने बुनियादी ढांचे, करों और भविष्य की नीतियों को लेकर सवाल उठाए हैं। इसके अलावा, देश में होने वाली आगामी जनगणना के लिए रजिस्ट्रार जनरल के निर्देशों के अनुसार सभी प्रशासनिक सीमा परिवर्तन 31 दिसंबर, 2025 तक अंतिम करना अनिवार्य है। इस डेडलाइन के कारण भी मोहाली में सीमा निर्धारण प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। नगर निगम का कहना है कि सीमा बढ़ने से कई क्षेत्रों के निवासियों को शहरी सेवाएं मिलेंगी और विकास कार्य और तेज़ी से हो सकेंगे। हालांकि आपत्ति दर्ज कराने वालों का मत है कि सरकार को इस प्रक्रिया में जनता की चिंता और स्थानीय ज़मीनी वास्तविकताओं का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अब देखना यह होगा कि 20 नवंबर की निजी सुनवाई में स्थानीय सरकार विभाग के अधिकारी आपत्तिकर्ताओं की दलीलें सुनकर किस प्रकार का अंतिम निर्णय लेते हैं, क्योंकि यह निर्णय मोहाली के भावी शहरी नक्शे के साथ-साथ राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति पर भी बड़ा प्रभाव डालने वाला है।
टीडीआई वाले फिर अदालत में
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यहां उल्लेखनीय है कि टीडीआई के 20 एकड़ से संबंधित सामाजिक कल्याण संस्था द्वारा कुछ दिन पहले ही अदालत में केस दायर किया गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था, क्योंकि उसमें कई कमियां थीं। अब एडवोकेट द्वारा दोबारा केस सूचीबद्ध कराया गया है, जिसकी सुनवाई 19 नवंबर को हाईकोर्ट में होगी। इसमें विशेष तौर पर टीडीआई को भी पार्टी बनाया गया है और पूरे क्षेत्र का नक्शा केस में शामिल किया गया है।
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