पंछियों की आजादी का संदेश, चंडीगढ़ में गूंजा ‘बर्ड फ्रीडम डे’
पिंजरों में कैद मूक परिंदों की मुक्ति का संदेश देने वाला ‘बर्ड फ्रीडम डे’ इस बार चंडीगढ़ में गूंजा। जयपुर से वर्ष 2014 में शुरू हुआ यह अभियान अब 12वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है और अमेरिका व दुबई तक अपनी पहचान बना चुका है। इस अवसर पर सेक्टर-21ए स्थित जीएमएसएस स्कूल में बच्चों ने चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से पक्षियों की स्वतंत्र उड़ान की कल्पना को रंगों से साकार किया।
प्रतियोगिता में कक्षा 10वीं की अन्वी को पहला, 12वीं के अंशु रावत को दूसरा और 11वीं की अनुषा सहा को तीसरा स्थान मिला। सभी प्रतिभागियों को अभियान के संस्थापक विपिन कुमार जैन और सह-संस्थापक रुचिका जैन ने सम्मानित किया। विद्यालय की प्रिंसिपल सुखपाल कौर, मेंटोर डॉ. रुपेश सिंह और कला शिक्षिका शैल्यादीप ने छात्रों को इस विशेष अभियान से जोड़कर प्रेरित किया।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में विपिन कुमार जैन ने बताया कि इस मुहिम को वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी का आशीर्वाद मिला था। अब तक हजारों बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स विश्व की सबसे बड़ी प्रदर्शनी के रूप में प्रदर्शित हो चुकी हैं, जिसने पर्यावरण और करुणा का सशक्त संदेश दिया। अंत में सभी ने संकल्प लिया कि मिलकर प्रयास करेंगे ताकि भविष्य में कोई भी परिंदा पिंजरे में कैद न रहे।