पिंजौर, 31 दिसंबर (निस)
अर्बन एक्ट 7ए की अधिसूचना के विरोध में गत 29 दिनों से धरने पर बैठे पिंजौर-कालका प्राॅपर्टी वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों का उस समय सब्र का बांध टूट गया, जब अल्टीमेटम देने के बवाजूद सरकार ने अधिसूचना रद्द नहीं की। बृहस्पतिवार को सैकड़ों लोग कालका तहसीलदार ऑफिस पहुंचकर धरने पर जा बैठे। एसोसिएशन प्रधान हर्ष चड्ढा, सरंक्षक मान सिंह, राकेश करोतिया, कालका रेवेन्यू बार एसोसिएशन प्रधान सुशील गर्ग, विनोद वाल्मीकि, दिनेश वाल्मीकि, लाजपत आदि ने पिंजौर-कालका सहित सभी गांवों की जमीनों, मकानों की बंद पड़ी रजिस्ट्रियां खोलने की मांग की। उन्होंने प्रश्न किया कि जब सरकार द्वारा अधिकृत काॅलोनियों, नगर परिषद, नगर निगम क्षेत्र सहित सभी शहर, गांवों की रजिस्ट्रियों पर 7ए के तहत पाबंदी है तो अमरावती, डीएलएफ, हूडा के प्लॉटों, मकानों की रजिस्ट्रियां क्यों की जा रही हैं।
रजिस्ट्रियां रोकना राजनीतिक कारण नहीं : गुज्जर
पिंजौर (निस) : फोरेस्ट काम्पलैक्स पिंजौर में एक कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षा एवं वन मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने अर्बन एक्ट 7ए के विरोध में धरने पर बैठे लोगों की सुनवाई न होने के प्रश्न के उत्तर में कहा कि रजिस्ट्रियां रोकने की सरकार की कोई मंशा नहीं है और लोगों को परेशान करना राजनीतिक कारण नहीं बल्कि सुविधा देना है।
रेवेन्यू बार एसो, डाॅक्यूमेंट राइटर्स की 10 तक हड़ताल
हर्ष चड्ढा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द अधिसूचना जारी न की तो वे अनिश्चितकालीन भूखहड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगेे। प्रधान सुशील गर्ग ने कहा 10 जनवरी तक कलमछोड़ हड़ताल रहेगी। इस दौरान कोई वकील, डाक्यूमेंट राइटर, स्टाम्प वेंडर काम नहीं करेगा और सरकारी अधिकारियों को भी काम नहीं करने देंगे।