चंडीगढ़, 28 मई (ट्रिन्यू)
पत्रकारों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बहस और उनका समाधान जरूरी है और मीडिया संस्थानों को विभिन्न स्तरों पर मीडियाकर्मियों द्वारा सामना किए जाने वाले मानसिक तनाव पर ध्यान देना चाहिए। विशेष कर कोविड जैसी विषम परिस्थितियों में तनाव के स्तर और अवसाद के संकेतों की पहचान की जानी चाहिए और चिकित्सा सलाह लेने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। फोर्टिस हेल्थ की मदद से फेसबुक (मेटा) द्वारा रविवार को चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकारों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण सत्र में इस बात को रेखांकित किया गया। फेसबुक और फोर्टिस हेल्थकेयर ने ‘द वोक्स’ फाउंडेशन के सहयोग से पत्रकारों के सामने आने वाले मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया। इसमें मानसिक स्वास्थ्य और इसके प्रबंधन के बारे में चर्चा हुई। वॉक्स फाउंडेशन के निदेशक अविनाश कल्ला और जमील अहमद खान भी इस सत्र का भाग रहे । वेब न्यूज़ पोर्टल बाबुशाही डॉट कॉम ने इस ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्य सत्र का संचालन प्रख्यात मनोचिकित्सक और टेडएक्स स्पीकर डॉ. समीर पारिख ने किया। उनका साथ डॉ. कामना छिब्बर और व्यवहार विज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. दिव्या जैन ने दिया।