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समगौली डंपिंग ग्राउंड पर मेयर, डिप्टी मेयर आए मैदान में

मेयर ने खोला फाइल का ‘कच्चा चिट्ठा’, डिप्टी मेयर ने ज़मीन तक सड़क न होने पर सरकार को घेरा

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मोहाली के डेराबस्सी में बृहस्पतिवार को समगौली का जायजा लेने पहुंचे डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी मौका दिखाते हुए।
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मोहाली के डेराबस्सी में बनाए जाने वाले समगौली सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सेंट्रल प्रोजेक्ट को लेकर मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू और डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने आज अलग-अलग बयान देकर सरकार और गमाडा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। मेयर जीती सिद्धू ने कहा कि 50 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट को आम आदमी पार्टी सरकार ने राजनीतिक हथियार बना लिया है। उन्होंने बताया कि मोहाली में प्रतिदिन 150 टन से अधिक कूड़ा निकलता है, पर ठेका सिर्फ 100 टन का है। उन्होंने दावा किया कि समगौली में 39 एकड़ ज़मीन पर बाउंड्री बन चुकी है, लेकिन बाकी 11 एकड़ जमीन राजस्व विभाग में फंसी हुई है। वहीं 27 करोड़ की लागत से प्रस्तावित बायोगैस प्लांट और 29 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण की फाइलें भी लंबित हैं।

उधर, डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने समगौली का दौरा कर हालात का जायज़ा लिया और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सड़क न होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि महज 8 फुट चौड़ी सड़क इस डंपिंग ग्राउंड को जाती है जो आखिर में एक किलोमीटर तक कच्ची है। उन्होंने कहा कि यहां मशीनरी और वाहनों की आवाजाही असंभव है। उन्होंने गमाडा पर झूठे दावे करने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। डिप्टी मेयर ने यह भी मांग की कि जब तक समगौली प्रोजेक्ट चालू नहीं होता, मोहाली के कूड़े के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए और जमीन की वैज्ञानिक जांच के बाद उपयुक्त स्थान तलाशा जाए।

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