जीरकपुर, 28 जून (निस)
जीरकपुर-अम्बाला सड़क पर स्थित माया गार्डन मैग्नेशिया में लाखों रुपये खर्च करके कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों ने बिल्डर पर अधूरे प्रोजैक्ट में जबरदस्ती कब्ज़ा देकर उन्हें हर महीने पक्की इनकम देना बंद करने से गुस्साये निवेशकों ने आज बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत पर अधूरे प्रोजैक्ट में कब्ज़ा नहीं लेंगे। उन्होंने नगर कौंसिल के प्रशासनिक आधिकारियों पर मिलीभगत के दोष भी लगाये। मामले से संबंधित जानकारी देते हुए सुखबीर सिंह, सुरेश महता, सौम्या मिश्रा, केपीएस बब्बर, प्रवीण विज, मनीश ग्रोवर, जगदीश वर्मा, अमनदीप बिश्नोई, अशोक जुनेजा और अमरजीत अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने सारी जिंंदगी की कमाई खर्च करके माया गार्डन मैग्नेशिया में व्यापारिक दुकानें और शोरूम खरीदे थे।
एक प्रतिशत मासिक ब्याज देना किया बंद
निवेशकों ने कहा कि बिल्डर की तरफ से उनको प्रोजैक्ट पूरा होने तक एक प्रतिशत मासिक ब्याज देने का वादा किया गया था परन्तु बिल्डर ने बीते साल कथित रूप से प्रोजैक्ट कम्पलीशन की बात कहकर उनका ब्याज बंद कर दिया। जब कम्पलीशन सर्टीफिकेट की जांच करवाई गई तो सर्टीफिकेट में खामियां होने के कारण बिल्डर ने उनको 31 मार्च, 2020 तक पैसे देकर फिर उनकी वापसी के पैसे देने बंद कर दिये और उनको अधूरे प्रोजैक्ट में कब्ज़ा लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
जीरकपुर नगर कौंसिल के कार्यकारी अफसर संदीप तिवारी ने मिलीभगत के दोष का खंडन करते कहा कि बिल्डर को नियमों के अनुसार ही कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी किया गया है। जब बिल्डर के साथ बात करनी चाही तो उसके साथ संपर्क नहीं हो सका। मौके पर मौजूद माया गार्डन के सेल अधिकारी नरिंद्र अरोड़ा ने कहा कि उन्हें प्रोजैक्ट की तकनीकी जानकारी नहीं है। वह बिल्डर के साथ बात करके ही कुछ कह सकते हैं।