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मास्टरमाइंड छात्र काबू, वर्चुअल नंबर से करता था काल

जबरन वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
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मोहाली, 19 अप्रैल (हप्र)

पंजाब पुलिस के एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने एक 24 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी खुद को विदेशी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का भाई बताकर स्थानीय ऑटोमोबाइल शोरूम के मालिक से पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहा था। शनिवार को यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने दी। आरोपी की पहचान फरीदकोट के बरगारी निवासी लवजीत सिंह के रूप में हुई है, जिसने 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी और रकम न देने पर शिकायतकर्ता और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। बताया जाता है कि आरोपी लवजीत सिंह एक निजी यूनिवर्सिटी का छात्र है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी ने पुलिस की नजर से बचने के लिए अपनी पहचान छिपाने और जबरन वसूली के लिए वर्चुअल नंबर और सोशल मीडिया एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया।

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गौरतलब है कि तीन महीने पहले एजीटीएफ ने मलेशिया से संचालित एक फर्जी जबरन वसूली रैकेट का भंडाफोड़ किया था। यह पंजाब भर में गायकों, व्यापारियों और संपन्न व्यक्तियों को निशाना बनाता था। आरोपी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य बनकर संभावित पीड़ितों और उनके परिवारों को डराने-धमकाने के लिए फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल करते थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एजीटीएफ प्रमोद बान ने कहा कि एजीटीएफ को जबरन वसूली के बारे में शिकायत मिली थी। पुलिस टीमों ने तकनीकी इनपुट और खुफिया जानकारी के माध्यम से यह पता लगाया कि कॉल कहां से आ रही है। जिससे आरोपी लवजीत की पहचान हुई। उन्होंने कहा कि बाद में उसे मोहाली से गिरफ्तार किया गया।

आरोपी शानदार जीवन शैली के लिए कर रहा था ऐसा

एआईजी एजीटीएफ गुरमीत चौहान ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी लवजीत एक शानदार जीवन शैली की इच्छा के कारण अपराध का सहारा लेता था। उन्होंने कहा किपुलिस हिरासत से बचने के प्रयास में जबरन वसूली के लिए कॉल करते समय उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए वर्चुअल नंबर और एन्क्रिप्टेड ऐप का इस्तेमाल किया।

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