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मोरनी में भूस्खलन से कई गांवों का संपर्क टूटा, घग्गर का जलस्तर खतरे के निशान के करीब

लगातार हो रही भारी बारिश का असर - पंचकूला प्रशासन अलर्ट पर, कंट्रोल रूम स्थापित

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सुखना लेक का जलस्तर बढ़ जाने के बाद बुधवार को एहतियात के तौर पर खोला गया फ्लड गेट।-प्रदीप तिवारी
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चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश ने ट्राईसिटी क्षेत्र में आपात स्थिति जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। बुधवार सुबह पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र में भूस्खलन की बड़ी घटना हुई, जिससे रायपुररानी-मोरनी मार्ग बंद हो गया और कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। भूस्खलन के कारण सड़क पर भारी मात्रा में मिट्टी, पत्थर और पेड़ गिर गए, जिससे न केवल यातायात ठप हुआ बल्कि पैदल आवाजाही भी असंभव हो गई है। इससे पहले भी मोरनी हिल्स ऐसे हादसों का गवाह बन चुका है। मोरनी हिल्स से होकर गुजरने वाली कोटी नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इसमें हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों से आ रहे पानी ने बहाव तेज कर दिया है। स्थिति गंभीर होती जा रही है क्योंकि पानी का दबाव निचले क्षेत्रों में पहुंचने लगा है।

पंचकूला की जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि हिमाचल व हरियाणा में हो रही बारिश से घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। यह नदी पंचकूला और मोहाली के कुछ इलाकों से होकर गुजरती है और जलभराव की स्थिति बना सकती है।

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जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपात कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। किसी भी आपदा, फंसे होने या जानकारी के लिए नागरिक फोन नंबर 0172-2562135 पर संपर्क कर सकते हैं।

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उपायुक्त की चेतावनी : नदी-नालों से दूर रहें

उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने जनता से अपील की है कि नदी, नालों या पुलों के पास न जाएं। बहते जल को देखने या वीडियो बनाने की कोशिश खतरनाक हो सकती है। उन्होंने कहा कि लोग जलभराव वाले इलाकों में जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित करें।

मोरनी क्षेत्र पहले भी लैंडस्लाइड की घटनाओं से प्रभावित हो चुका है। यह इलाका तेज बारिश के दौरान बेहद जोखिमपूर्ण हो जाता है। प्रशासन की मानें तो कुछ ग्रामीणों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने की भी योजना बनाई जा रही है।

सुखना लेक के फ्लड गेट खोले

मनीमाजरा (चंडीगढ़) (हप्र) :

चंडीगढ़ के सुखना कैचमेंट एरिया में ज्यादा बारिश होने के चलते सुखना का पानी खतरे के निशान तक पहुंचने के बाद प्रशासन की तरफ से बुधवार दोपहर 12 बजे सुखना लेक के फ्लड गेट खोल दिए गए। चंडीगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से सुखना लेक का जल स्तर बढ़ गया है। इस सीजन में पहली बार बुधवार को फ्लड गेट खोले गए। मौसम विभाग के अनुसार चंडीगढ़ समेत ट्राईसिटी में अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना है। बुधवार को बारिश की अधिक संभावना है। ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। इससे पहले मंगलवार को शहर का अधिकतम तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 24.9 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री नीचे रहा। शहर में पिछले 24 घंटों में 9.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मानसून सीजन में अब तक कुल 505.3 मिमी बारिश हो चुकी है।

घग्गर का जलस्तर बढ़ा, पुलिस ने लिया स्थिति का जायजा

पंचकूला (हप्र) :

भारी बारिश के चलते पंचकूला में घग्गर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए डीसीपी सृष्टि गुप्ता के निर्देशानुसार बुधवार को सेक्टर-1 चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर राममेहर ने अपनी टीम के साथ खड़क मंगोली और आसपास के क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। पुलिस द्वारा स्थानीय निवासियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे नदी के आसपास न जाएं और जलभराव वाले क्षेत्रों से उचित दूरी बनाए रखें। विशेष रूप से माजरी चौक के पास लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे नदी में नहाने या खेलने जैसी जोखिम भरी गतिविधियों से परहेज करें। सेक्टर-1 पुलिस टीम ने क्षेत्र में चेकिंग अभियान भी चलाया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई व्यक्ति खतरे वाले इलाकों की ओर न जाए।

कौशल्या नदी में बाढ़ से बढ़ा डैम का जलस्तर

पिंजौर की कौशल्या नदी में बने डैम के फ्लड गेट खोलने के बाद तेज गति से नीचे बहता पानी। -निस

पिंजौर (निस) :

गत रात्रि से पिंजौर, कालका और पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश के कारण आज कौशल्या नदी पूरे उफान पर थी। नदी में इतना अधिक पानी आया कि कौशल्या डैम लबालब भर गया। कौशल्या डैम का जलस्तर 478 मीटर तक खतरे के निशान पर आ जाता है लेकिन पहाड़ों से आ रहे पानी के तेज बहाव के कारण सिंचाई विभाग ने 475.05 मीटर पर जलस्तर आने के बाद ही सुबह लगभग 6 बजे डैम के फ्लड गेट खोल दिए। गेट खुलते ही भारी मात्रा में पानी तेज गति से निचली ओर रामपुर सियुड़ी और अमरावती की ओर बहने लगा। सिंचाई विभाग के सूत्रों के अनुसार डैम से लगभग 905 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इससे पूर्व लोगों को नदी में न जाने की चेतावनी दे दी गई थी। गौरतलब है कि जुलाई 2023 में इसी प्रकार फ्लड गेट खोलने के कारण रामपुर सियुड़ी के दर्जन भर मकान बह गए थे और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे। साथ ही नेशनल हाईवे पर चंडीगढ़ की ओर जाने वाली लेन धंस गई थी और अमरावती फ्लाईओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गए थे।

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