मनीष तिवारी ने संसद में उठाया चंडीगढ़ के लिए मेट्रो का मुद्दा
अंबाला से कुराली और लांडरां से पिंजौर तक एमआरटीएस स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से 25,000 करोड़ जारी करने की मांग
चंडीगढ़ से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला और न्यू चंडीगढ़ को मेट्रो से जोड़ने की मांग उठाई। उन्होंने इस परियोजना को अंबाला से कुराली और लांडरां से पिंजौर तक मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमआरटीएस) के तहत स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से 25,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की, ताकि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को और मजबूती दी जा सके।
सांसद तिवारी ने कहा कि इन चारों शहरों को आपस में जोड़ने के लिए एमआरटीएस अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस संबंध में वर्ष 2019 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री तथा केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री को पत्र लिखकर इस मांग को मजबूत तरीके से उठाया था। इसका उद्देश्य पूरे क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को सुदृढ़ करना था। इसके लिए उन्होंने अंबाला से कुराली और लांडरां से पिंजौर तक एमआरटीएस की स्थापना का आग्रह किया था।
उन्होंने बताया कि सरकार ने इस पहल के तहत एक एकीकृत मेट्रो ट्रांसपॉलिटन प्राधिकरण का गठन किया था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि गठन के बाद से इस प्राधिकरण की बैठकें केवल तीन बार ही हुई हैं। इस प्राधिकरण ने एमआरटीएस परियोजना के लिए फिज़िबिलिटी जांच करने का जिम्मा रेल तकनीकी आर्थिक प्राधिकरण को दिया था। लेकिन राइट्स द्वारा दो बार रिपोर्ट भेजे जाने के बावजूद भी इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं बढ़ी। परिणामस्वरूप, पिछले तीन-चार सालों में परियोजना की लागत 16,000 करोड़ रुपये से बढक़र 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
तिवारी ने कहा कि इन वर्षों में बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई जैसे शहरों में मेट्रो स्थापित हो चुकी है, लेकिन चंडीगढ़ अब भी पीछे है। ऐसे में केंद्र सरकार को इस परियोजना को एक रणनीतिक कनेक्टिविटी परियोजना के तौर पर अपनाते हुए अपने स्तर पर 25,000 करोड़ रुपये जारी करने चाहिए, ताकि इस क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को आगे बढ़ाया जा सके।

