कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष बंसल ने पंचकूला शहर की बदहाल स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी), पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (पीएमडीए) और एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों को सीधा जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि शहर की सड़कों का जिम्मा इन एजेंसियों के पास है, लेकिन स्थिति इतनी खराब है कि पंचकूला की पहचान ही दांव पर लग गई है। जगह-जगह टूटी सड़कें, गड्ढों से भरे रास्ते और सफाई व्यवस्था की दुर्दशा ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।
बंसल ने कहा कि गलियों और मुख्य मार्गों पर नियमित सफाई नहीं होने से बरसात के दिनों में जलभराव आम हो गया है। इसका सबसे अधिक असर दोपहिया वाहन चालकों पर पड़ रहा है, जिन्हें रोज़ाना जान जोखिम में डालकर इन सड़कों से गुजरना पड़ता है। कई बार तो पानी से भरे गड्ढों का अंदाज़ा भी नहीं लग पाता, जिससे हादसे का खतरा और बढ़ जाता है।
उन्होंने उद्योग जगत की समस्याओं की ओर भी ध्यान दिलाते हुए कहा कि पंचकूला के उद्योगपति नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इंडस्ट्रियल एरिया की हालत इतनी खराब है कि वहां सड़कें नाम की कोई चीज़ बची ही नहीं है, सिर्फ गड्ढों का जाल है। इससे न केवल उद्योगों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है, बल्कि बाहरी निवेशक भी शहर से दूरी बनाने लगे हैं। मनीष बंसल ने सरकार और संबंधित एजेंसियों से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि पंचकूला हरियाणा का महत्वपूर्ण जिला है और यहां की हालत इस तरह नहीं छोड़ी जा सकती। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो जनता के व्यापक आंदोलन करने को मजबूर हो जाएगी।