चंडीगढ़, 7 सितंबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ का इस महीने स्वच्छ भारत मिशन के ओडीएफ ++( शौच मुक्त प्लस-प्लस) स्टेटस का दर्जा समाप्त हो जाएगा। पिछले वर्ष निगम को ओडीएफ ++ स्टेटस का दर्जा दिया गया था। अब नये सिरे से उस स्टेटस को बरकरार रखना निगम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
गत वर्ष भी इस दर्जे को हासिल करने के लिए निगम ने भरसक प्रयास किए थे। यहां तक कि खुले में शौच करने वालों को रोकने के लिए मार्शल तक तैनात किए गए थे। हर वर्ष इसके लिए प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया जाता है। वर्ष 2016 में शहर को पहली बार ओडीएफ (शौचमुक्त) घोषित किया गया था।
इसके तय मानदंडों को चंडीगढ़ में पूरी तरह से लागू किया गया है या नहीं, इस संबंध में शहर के पार्कों व सार्वजनिक स्थलों पर बंद पड़े सार्वजनिक शौचालयों को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है। वहीं, अब स्थिति यह है कि कुछ निगम अधिकारियों व ठेकेदारों की कथित मिलीभगत से पार्कों में तैनात सफाई कर्मचारियों को या तो नौकरी से निकाला जा रहा है या फिर गत तीन-तीन माह से उन्हें वेतन न देकर नौकरी छोड़ने को विवश किया जा रहा है।