पंचकूला, 29 सितंबर (ट्रिन्यू)
केशुभाऊ ठाकरे जनसंचार केंद्रीय विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति बलदेव भाई शर्मा ने कहा है कि साहित्य मीडिया को भाषा की मर्यादा और संस्कार बताता है। साहित्य पत्रकार को संस्कृतिधर्मिता से जोड़ता है।
बलदेव भाई हरियाणा साहित्य अकादमी की पहल पर भगत सिंह जयंती के अवसर पर मीडिया और साहित्य का अंत: संबंध विषय पर आयोजित वेबिनार के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले पत्रकारों ने जन जागरण का कार्य किया। आजाद के बाद पत्रकारिता में गिरावट आई है जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी, प्रेमचंद, जयशंकर, भारतेंदु हरिश्चंद्र के साथ-साथ बड़े राजनेताओं ने भी जन जागरण के लिये समाचार पत्रों का प्रकाशन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये साहित्य अकादमी के निदेशक डा़ चंद्र त्रिखा ने कहा कि हरियाणा की विरासत बाल मुकुंद गुप्त और अल्ताफ हुसैन हाॅली की विरासत है जिसे पढ़कर नई पीढ़ी को पत्रकारिता के क्षेत्र में नयी इबारत लिखनी होगी। अकादमी नयी पीढ़ी को साहित्य का संस्कार देने के लिये नये प्रयोग करती रहेगी। पंजाब विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के अध्यक्ष डा़ गुरमीत सिंह ने कहा कि जनसंचार विभाग के पाठ्यक्रमों में साहित्य को अध्ययन का विषय बनाना होगा।
यहां सेक्टर-1 के सरकारी पीजी कालेज की प्राचार्य डा़ अर्चना मिश्रा ने कहा कि पत्रकारिता सामाजिक सरोकार है, व्यवसाय नहीं। वेबिनार में पत्रकार आलोक वर्मा का भी रचनात्मक सहयोग रहा।