साहित्यिक सत्रों के साथ लिट फेस्ट 2025 की शुरुआत, ‘वर्ल्ड विद इन वर्ड्स’ थीम में साहित्य और कला का संगम
सीएलएफ लिटरेटी 2025 का 13वां संस्करण शनिवार को संवाद और रचनात्मकता के साथ शुरू हुआ। चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव ने पहले ही दिन साहित्य, कला और विचारों की समृद्ध दुनिया खोल दी। थीम ‘वर्ल्ड विद...
सीएलएफ लिटरेटी 2025 का 13वां संस्करण शनिवार को संवाद और रचनात्मकता के साथ शुरू हुआ। चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव ने पहले ही दिन साहित्य, कला और विचारों की समृद्ध दुनिया खोल दी। थीम ‘वर्ल्ड विद इन वर्ड्स’ शब्दों में बसे नए भाव, दृष्टिकोण और अनुभवों की खोज को रेखांकित करती है।
फेस्टिवल डायरेक्टर और चेयरपर्सन डॉ. सुमिता मिश्रा ने स्वागत भाषण में लिटरेटी की यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह उत्सव अब देश के प्रमुख साहित्यिक आयोजनों में शामिल हो चुका है। राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने उद्घाटन संबोधन दिया। दिनभर चले सत्र विविधता और गहराई लेकर आए।
‘द पावर ऑफ अ स्टोरी: एडवर्टाइजिंग इनसाइट्स’ में प्रहलाद कक्कड़ और लेखिका अराधिका शर्मा के बीच कहानी कहने की कला पर रोचक संवाद हुआ। ‘इंडियन डेमोक्रेसी: इवाल्विंग पॉलिटी एंड पब्लिक डिस्कोर्स’ में शाहिद सिद्धीकी, रशीद किदवई, नीरजा चौधरी और पत्रकार रमेश विनायक ने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर सार्थक चर्चा की।
‘बुक बज’ सत्र में दीप हलदर ने अपनी पुस्तक इनशाअल्लाह बांग्लादेश लॉन्च की। मेहक ग्रोवर (द साइलेंट ब्रेव) और मंजू जैदका (द लीजेंड ऑफ संझी-गिरि) ने भी अपने नए साहित्यिक कार्यों का परिचय दिया। हिंदी साहित्य और कविता पर केन्द्रित सत्रों में माधव कौशिक, डॉ. चंद्रा त्रिखा, बुब्बू तीर और डॉ. मिश्रा ने भाषा, रचना और प्रेरणा से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
भारतीय विद्या भवन, सेक्टर 27 में भरतनाट्यम प्रस्तुति ‘स्वरित मुद्राएं’ ने दर्शकों को शास्त्रीय भाव से भर दिया। प्रस्तुति डॉ. सुचेता भिडे-चापेकर की शिष्याओं ने दी, जिसने दिन का समापन कलात्मक सौंदर्य के साथ किया। शनिवार का उत्साह अब रविवार को होने वाले विशेष सत्रों के लिए मंच तैयार कर गया है। इनमें ‘बिहार डायरीज़ एंड ग्राउंड जीरो’ में आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की उपस्थिति और सीएलएफ लिटरेटी अवॉर्ड्स 2025 प्रमुख आकर्षण होंगे।

