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लिली स्वर्ण की नई काव्य संग्रह ए बीजूवेल्ड टीयारा – प्रेम, शांति और मानवता की गूंज

लिली स्वर्ण की नई काव्य संग्रह ए बीजूवेल्ड टीयारा – प्रेम, शांति और मानवता की गूंज चंडीगढ़, 26 फरवरी (ट्रिन्यू) अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री और लेखिका लिली स्वर्ण ने अपनी नवीनतम काव्य संग्रह ए बीजूवेल्ड टीयारा का विमोचन किया। यह संग्रह प्रेम, शांति और मानवीय संवेदनाओं की शक्ति को उजागर करता है। यह उनकी नौवीं पुस्तक और पांचवीं कविता संग्रह है, जिसमें उन्होंने गहरे भावनात्मक अनुभवों को सजीव किया है। ए बीजूवेल्ड टीयारा प्रेम के इश्क-ए-हकीकी (ईश्वर से प्रेम) और इश्क-ए-मजाजी (ईश्वर की रचना से प्रेम) को केंद्र में रखकर लिखा गया है। इसमें लैला-मजनू, हीर-रांझा और मिर्जा-साहिबा जैसे अमर प्रेम प्रसंगों को पुनर्जीवित किया गया है, जो प्रेम की सीमाहीनता को दर्शाते हैं। कविता संग्रह का "सेट द वाइट डव फ्री" खंड विशेष रूप से शांति और मानवीय करुणा की अपील करता है। यह युद्ध और संघर्षों के शिकार लोगों – विधवाओं, अनाथों और विस्थापितों की पीड़ा को शब्दों में ढालता है। लिली स्वर्ण का मानना है कि कविता केवल एक साहित्यिक रचना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और जोड़ने की शक्ति रखती है। वह कहती हैं, “ए बीजूवेल्ड टीयारा प्रेम, शांति और मानवता की निर्भीक अभिव्यक्ति है। यह युद्ध और पीड़ा के विरुद्ध एक सशक्त आवाज़ है।” अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित रचनाकार लिली स्वर्ण को 70 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें इंटरनेशनल बीट पोएट लॉरेट (इंडिया, 2023-24) और सीज़र वैलिजो पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी कविताएँ 21 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं और उन्होंने वैश्विक साहित्यिक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्हें वर्ल्ड यूनियन ऑफ पोएट्स द्वारा "ग्लोबल पोएट इंकॉमिम ऑफ पीस एंड यूनिवर्सल लव", तथा वर्ल्ड इंस्टिट्यूट ऑफ पीस, नाइजीरिया द्वारा "ग्लोबल आइकॉन ऑफ पीस" की उपाधि दी गई है। इसके अलावा, वह पेरू, घाना, मोरक्को और नाइजीरिया में शांति और मानवता की एंबेसडर के रूप में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।
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चंडीगढ़, 26 फरवरी (ट्रिन्यू)

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री और लेखिका लिली स्वर्ण ने अपनी नवीनतम काव्य संग्रह ए बीजूवेल्ड टीयारा का विमोचन किया। यह संग्रह प्रेम, शांति और मानवीय संवेदनाओं की शक्ति को उजागर करता है। यह उनकी नौवीं पुस्तक और पांचवीं कविता संग्रह है, जिसमें उन्होंने गहरे भावनात्मक अनुभवों को सजीव किया है।

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ए बीजूवेल्ड टीयारा प्रेम के इश्क-ए-हकीकी (ईश्वर से प्रेम) और इश्क-ए-मजाजी (ईश्वर की रचना से प्रेम) को केंद्र में रखकर लिखा गया है। इसमें लैला-मजनू, हीर-रांझा और मिर्जा-साहिबा जैसे अमर प्रेम प्रसंगों को पुनर्जीवित किया गया है, जो प्रेम की सीमाहीनता को दर्शाते हैं।

कविता संग्रह का "सेट द वाइट डव फ्री" खंड विशेष रूप से शांति और मानवीय करुणा की अपील करता है। यह युद्ध और संघर्षों के शिकार लोगों – विधवाओं, अनाथों और विस्थापितों की पीड़ा को शब्दों में ढालता है।

लिली स्वर्ण का मानना है कि कविता केवल एक साहित्यिक रचना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और जोड़ने की शक्ति रखती है। वह कहती हैं, “ए बीजूवेल्ड टीयारा प्रेम, शांति और मानवता की निर्भीक अभिव्यक्ति है। यह युद्ध और पीड़ा के विरुद्ध एक सशक्त आवाज़ है।”

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित रचनाकार

लिली स्वर्ण को 70 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें इंटरनेशनल बीट पोएट लॉरेट (इंडिया, 2023-24) और सीज़र वैलिजो पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी कविताएँ 21 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं और उन्होंने वैश्विक साहित्यिक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्हें वर्ल्ड यूनियन ऑफ पोएट्स द्वारा "ग्लोबल पोएट इंकॉमिम ऑफ पीस एंड यूनिवर्सल लव", तथा वर्ल्ड इंस्टिट्यूट ऑफ पीस, नाइजीरिया द्वारा "ग्लोबल आइकॉन ऑफ पीस" की उपाधि दी गई है। इसके अलावा, वह पेरू, घाना, मोरक्को और नाइजीरिया में शांति और मानवता की एंबेसडर के रूप में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।

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