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डर और दुलार के बीच तेंदुए का शावक अब जंगल में

मां के आने का खतरा मंडरा रहा, शिवलोतिया मंदिर के पास था मिला
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पिंजौर गार्डन के रेस्टोरेंट से तेंदुए के शावक को सुरक्षित जंगल की ओर ले जाता वन विभाग का कर्मचारी। -निस
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कभी गाड़ी के कोने में छिपा, कभी सोफे के पीछे भागा। पिंजौर के शिवलोतिया मंदिर के पास मिला तेंदुए का ढाई महीने का शावक अब सुरक्षित जंगल में पहुंचा दिया गया है। लेकिन स्थानीय लोगों की चिंता अब इस बात को लेकर है कि कहीं उसकी मां शावक को तलाशते हुए आबादी में न आ पहुंचे। मंगलवार शाम कौशल्या नदी के पास मंदिर क्षेत्र में कुछ युवकों ने इस नन्हे शावक को देखा। कुत्तों के भौंकने और तेज बहाव वाली नदी के पास होने के चलते युवकों को डर हुआ कि कहीं यह मासूम शिकार न बन जाए। उन्होंने फौरन सतर्कता दिखाते हुए उसे एक बैग में डाला और पिंजौर गार्डन स्थित एक रेस्टोरेंट तक ले आए। वहीं से वन विभाग को सूचित किया गया। वन्य प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर सुरजीत अपनी टीम के साथ रेस्क्यू के लिए पहुंचे, लेकिन शावक ने खूब दौड़ाया। बैग से निकलते ही वह रेस्टोरेंट के सोफे के पीछे छिप गया। जैसे-तैसे उसे निकाला गया, तो गाड़ी में रखे जाने पर वह फिर एक्सीलेरेटर-ब्रेक के पास जा छिपा। टीम को डर था कि वह कहीं इंजन तक न पहुंच जाए। काफी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित निकाला गया और रात को रेस्क्यू सेंटर में रखा गया।

बुधवार सुबह वन विभाग ने उसे जंगल में छोड़ दिया। विभाग का कहना है कि शावक पूरी तरह स्वस्थ है और उसका उम्र करीब ढाई महीने है।

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कांवड़ यात्रा के चलते वन विभाग अलर्ट

हालांकि सावन महीने में शिव मंदिर में कांवड़ियों की भीड़ रहती है, ऐसे में स्थानीय लोग और प्रशासन आशंकित हैं कि मां तेंदुआ अपने बच्चे की तलाश में यहां आ सकती है। वन विभाग क्षेत्र में निगरानी बढ़ा चुका है और लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।

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