जिला अदालत में वकील बैठे धरने पर, शुक्रवार तक का अल्टीमेटम
ट्रैफिक चालान निपटारे की प्रक्रिया को पारंपरिक कोर्ट रूम सिस्टम से हटाकर पूरी तरह ऑनलाइन कर दिए जाने के कारण बुधवार को जिला अदालत चंडीगढ़ में वकीलों ने रोष प्रदर्शन किया।
यहां करीब 100 अधिवक्ताओं, जिनमें अधिवक्ता पुनीत छाबड़ा, करण खुराना, धीरज और निखिल ठाकुर आदि शामिल थे, ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत के अंदर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया।
पुनीत छाबड़ा ने कहा कि ट्रैफिक चालान निपटारे की प्रक्रिया को पारंपरिक कोर्ट रूम सिस्टम से हटाकर पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे अधिवक्ताओं और लोगों दोनों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नियमों के अनुसार, तीन महीने से लंबित चालान स्वत: कोर्ट में भेजे जाने चाहिए, परंतु यह प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं हो रही है, जिससे व्यापक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। अधिवक्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर सीजेएम से तत्काल समाधान की मांग की। उन्होंने लगभग आधे घंटे तक अदालत के भीतर शांतिपूर्ण धरना दिया। विरोध के बाद स्टाफ ने आश्वासन दिया कि सत्र न्यायाधीश से परामर्श के बाद दो दिनों के भीतर समस्या का समाधान किया जाएगा, जो वर्तमान में अवकाश पर हैं। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया है कि यदि शुक्रवार तक समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वे दोबारा अदालत के अंदर विरोध करेंगे। अधिवक्ता पुनीत छाबड़ा ने कहा, ‘हमने यह विरोध केवल इसलिए किया ताकि सिस्टम सभी के लिए काम करे, किसी के खिलाफ नहीं। लेकिन जब खराब प्रक्रिया से हजारों लोगों को तकलीफ़ होती है, तो हम चुप नहीं बैठ सकते।’
