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‘भावांजलि एवं विविध’ का लोकार्पण: पुरानी पीढ़ी को समर्पित काव्य कृति

गढ़वाल भवन चंडीगढ़ में शनिवार को आचार्य दिनेश शास्त्री की काव्य कृति “भावांजलि एवं विविध” का लोकार्पण हुआ। यह संग्रह पुरानी पीढ़ी को समर्पित है, जिसमें उनके संघर्ष, त्याग और जीवन मूल्यों का भावपूर्ण चित्रण किया गया है। कार्यक्रम की...
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चंडीगढ़ के सेक्टर-29 स्थित गढ़वाल भवन में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक का विमोचन करते अतिथि। -हप्र
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गढ़वाल भवन चंडीगढ़ में शनिवार को आचार्य दिनेश शास्त्री की काव्य कृति “भावांजलि एवं विविध” का लोकार्पण हुआ। यह संग्रह पुरानी पीढ़ी को समर्पित है, जिसमें उनके संघर्ष, त्याग और जीवन मूल्यों का भावपूर्ण चित्रण किया गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. डॉ. जगदीश प्रसाद सेमवाल (सेवानिवृत्त निदेशक, जीरकपुर) ने की। उन्होंने कहा कि साहित्य तभी जीवंत होता है, जब वह अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़ा हो। मुख्य अतिथि ज्योतिषाचार्य अनुसूया प्रसाद नौटियाल (खरड़) ने इसे परंपराओं से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण प्रयास बताया। विशिष्ट अतिथि डॉ. विष्णु दत्त पांडेय (अमरावती, पंचकूला) ने इसे साहित्य में सराहनीय योगदान कहा। वहीं भाजपा नेता और पूर्व पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली ने कहा कि समाज को पुरानी पीढ़ी के संघर्षों को कभी नहीं भूलना चाहिए। समारोह का संचालन संस्कृत विद्वान डॉ. अनिरुद्ध भट्ट ने किया। शुभारंभ जिंद बाबा संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों के स्वस्तिवाचन और अवनी-भूमि भट्ट की सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर गढ़वाल सभा और केदार बंदी ब्राह्मण सभा, चंडीगढ़ के पदाधिकारी व अनेक विद्वान मौजूद रहे। सभी ने माना कि यह काव्य संग्रह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और सांस्कृतिक चेतना का स्रोत बनेगा।

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