2387 घरों में मिला लारवा
जिले में डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग इस साल मार्च से पूरी तरह से सक्रिय है। अब तक 1,88,171 घरों का सर्वे किया जा चुका है, जिनमें से 2387 घरों में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का लारवा पाया गया है। इस पर 363 चालान भी किए गए हैं। इसके अलावा 5,83,236 कंटेनरों की जांच की गई, जिनमें से 2862 कंटेनरों में लारवा मिला। जिला सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन ने बताया कि जिले में इस समय स्वास्थ्य विभाग की 37 टीमें डॉ. अनामिका सोनी और अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों की निगरानी में कंटेनर जांच, घर-घर सर्वे और जागरूकता मुहिम चला रही हैं। डॉ. जैन ने बताया कि पहली बार लारवा मिलने पर घरवालों को चेतावनी दी जाती है और अगर दोबारा लारवा मिलता है, तो चालान काटा जाता है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें हर सोमवार और बृहस्पतिवार को हाई-रिस्क इलाकों में विशेष सर्वे भी कर रही हैं। यह टीमें घरों में जाकर कूलर, फ्रिज की ट्रे, फूलों के गमले, खाली टायर, पानी की टंकियां, डिब्बे आदि की जांच कर रही हैं जहां साफ पानी खड़ा हो सकता है। डॉ. जैन ने कहा कि डेंगू का इलाज संभव है और अगर किसी को डेंगू का संदेह हो तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल जाकर जांच करानी चाहिए। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, उल्टी आना, जी मिचलाना, नाक, मसूड़ों से खून आना आदि शामिल है।