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Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर श्री सनातन धर्म मंदिर में उमड़े श्रद्धालु, उल्लास से मनाया पर्व

Krishna Janmashtami 2025: चंडीगढ़ के सेक्टर 46 के श्री सनातन धर्म मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धाभाव और उल्लास के साथ मनाया गया। मंदिर की महिला संकीर्तन मंडली ने कीर्तन किया। इसके अलावा बच्चों ने भी भगवान कृष्ण के जीवन...
मंदिर में जन्माष्टमी पर उमड़े श्रद्धालु। प्रेस नोट
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Krishna Janmashtami 2025: चंडीगढ़ के सेक्टर 46 के श्री सनातन धर्म मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धाभाव और उल्लास के साथ मनाया गया। मंदिर की महिला संकीर्तन मंडली ने कीर्तन किया। इसके अलावा बच्चों ने भी भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित लीला प्रस्तुत की। कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पूरे मंदिर परिसर को बड़े ही आकर्षक रंगबिरंगी लाइट्स से खूबसूरत ढंग से सजाया गया था। आज दिन भर मंदिर में श्री कृष्ण भवन की पूजा करने वालों का तांता लगा रहा। हजारों की संख्या में श्रीकृष्ण भक्तों ने माथा टेक नन्द गोपाल प्रभु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त किया।

श्री सनातन धर्म मंदिर सभा के प्रेसिडेंट जतिंदर भाटिया ने कहा कि जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव, पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, भक्त भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनके बालस्वरूप, लड्डू गोपाल की आराधना करते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज यहां सेक्टर 46 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया है। इस मौके मंदिर परिसर में आज सुबह हवन किया गया और उसके बाद शाम को किये गए विशेष आयोजनों में नन्हे बच्चों ने भगवान श्री कृष्ण जी के जीवन से सबंधित 'लीला' की प्रस्तुति दी।

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इसके बाद रात्रि नौ बजे से बारह बजे तक कथा व्यास- आचार्य गोपाल शुक्ला द्वारा रात्रि 9:30 बजे से 12:00 श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं का उल्लेख किया गया। कथा व्यास आचार्य गोपाल शुक्ला  ने अपनी मधुर आवाज में "सूनी है- गोकुल नगरिया", "आजा आजा सवारिया", "जब कोई नहीं आता मेरे श्याम आते है" और "स्वागतम् कृष्णा सुस्वागतम् कृष्णा" भजनों का गुणगान किया।

के के आनन्द भजन गायन में साथ दिया।अपने आराध्य प्रभु के भजन सुन वहां उपस्थित श्री कृष्ण भक्त झूमने पर मजबूर हो गए। इसके बाद जैसे ही बारह बजे भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म का समय हुआ, पूरा मंदिर परिसर श्री कृष्ण के जयकारों के गूंज उठा। मंदिर सभा के प्रधान जतिंदर भाटिया ने बताया कि श्री कृष्ण जी के जन्म के बाद 12 बजे से 1 बजे तक श्री कृष्ण अभिषेक, पूजा और आरती की गई।

इसके बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टी को लेकर पूरे मंदिर परिसर को बड़े ही आकर्षक रंगबिरंगी लाइट्स से खूबसूरत ढंग से सजाया गया था। आज दिन भर मंदिर में श्री कृष्ण भवन की पूजा करने वालों का तांता लगा रहा। हजारों की संख्या में श्रीकृष्ण भक्तों ने माथा टेक नन्द गोपाल प्रभु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त किया। भक्तों ने प्रसाद भी ग्रहण किया।

जतिंदर भाटिया जी ने कहा कि जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण के जन्म के साथ-साथ, प्रेम, करुणा, और धर्म की विजय का भी प्रतीक है। इस अवसर पर आचार्य हरिकृष्ण नौटियाल, आचार्य शैलेंद्र गोदियाल, आचार्य राहुल गोदियाल एवं मंदिर के प्रधान जितेंद्र भाटिया, डीडी शर्मा, राकेश जोशी, आर के आनंद और अशोक भगत सहित संदीप शर्मा, एन तिरखा, ओपी सचदेवा, बी आर साहिवाल, के एल बीज एवं बड़ी संख्या में प्रभु भक्तों ने मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया।

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