जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 नवंबर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक) यूनिवर्सिटी के 100 साला समारोह में अपने संबोधन में कहा कि पेक के मुगलपुरा टेक्नीकल कालेज लाहौर से पेक तक के 100 साल के सफर की उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब ने हमेशा देश के इतिहास में अहम रोल निभाया चाहे वह सिंधु घाटी की सभ्यता के तौर पर या वैदिक काल के सप्त सिंधु क्षेत्र के तौर पर हो। सीमा प्रांत होने के नाते पंजाब बाहरी सभ्यता और संस्कृति से प्रभावित रहा है और दुनियाभर में भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रमुख प्रतीक बना। उन्होंने कहा कि उन्हें ये जान कर प्रसन्नता हुई कि सतीश धवन जैसे वैज्ञानिक पेक के ही छात्र रहे हैं जिसे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम न केवल अपना गुरु मानते थे बल्कि उन तीन लोगों में शामिल करते थे जिनका वे सम्मान करते थे। अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला जैसी पहली महिला एस्ट्रोनाट-इंजीनियर पेक की ही देन है। उन्होंने कहा पेक जैसे संस्थान न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं बल्िक राष्ट्र निर्माण भी करते हैं।
महामहिम कोविंद ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च का महत्व है। नई शिक्षा नीति हमें रिसर्च और डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण तरीके से सोचने-समझने और समस्याओं के हल निकालना भी सिखाती है। यह सिखाती है कि कैसे इनोवेट करना है, उसे एडैप्ट करना है और हमेशा बदलते रहने वाले शैक्षणिक क्षेत्र में कैसे समाहित करना है। पाठ्यक्रम में कला, मानविकी, खेल और भाषाएं भी शामिल हैं और ये हमारी संस्कृति एवं मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पेक के छात्र हर क्षेत्र में हैं चाहे वह कारपोरेट हो, डिफेंस हो, ब्यूरोक्रेसी हो या फिर विज्ञान एवं तकनीक का क्षेत्र हो। राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपालों के सम्मेलन में पिछले हफ्ते ही उन्होंने कहा है कि एलूमनी दूसरे संस्थानों और विश्वविद्यालयों में भी मेंटरशिप के लिये आगे आयें ताकि उनके अनुभव का लाभ मिल सके। देश की प्रगति के लिये सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे और छात्रों के लिये ज्ञान का नेटवर्क तैयार करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि पेक के एलूमनी के लिये अलग कार्यालय बनाया गया है ताकि उनसे तालमेल बनाये रखा जा सके। पेक के करीब 17000 पुराने छात्र इस नेटवर्क से जुड़ चुके हैं और छात्रों को डोनेशन एवं छात्रवृत्ति के तौर पर मदद कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने इससे पहले शताब्दी हाल, सेमीकंडक्टर रिसर्च लैब और हॉस्टल के एक ब्लॉक का उद्घाटन किया। समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, बोर्ड आफ गवर्नर्स राजेंद्र गुप्ता भी उपस्थित थे। पेक का पोस्टल कवर भी जारी किया गया।
पेक दे रहा क्वालिटी एजुकेशन : राज्यपाल
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि पेक यूनिवर्सिटी ने हमेशा से राष्ट्र की टेक्नोलॉजी में सिद्धहस्त लोग देकर आवश्यकताओं को पूरा किया है और पेक आज की युवा शक्ति का मार्गदर्शन कर रहा है। पेक क्वालिटी एजुकेशन दे रहा है और इनोवेशन, रिसर्च और डेवलपमेंट के अलावा सामाजिक कार्यों में भी अपनी भूमिका निभायी है। पेक के निदेशक प्रो. बलदेव सेतिया ने कालेज की उपलब्धियां गिनायीं और बताया कि लाहौर से लेकर रुड़की होते हुए यहां तक का सफर कैसे किया। उन्होंने कहा कि पेक 100 साला समारोह ऐसे समय में मना रहा है जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।