पिंजौर, 15 फरवरी (निस)
रेलवे विभाग द्वारा कालका-शिमला हेरिटेज रेल सेक्शन की मात्र ढाई फुट चौड़ी रेल पटरी पर तेज गति से दौड़ने वाली टॉय ट्रेन के विस्टाडोम रेल कोच जल्द ही कालका रेलवे स्टेशन पर पहुंचने की संभावना है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विस्टाडोम कोच आने के बाद जहां एक और टॉय ट्रेन की गति 22 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़कर 30 से 32 किलोमीटर तक हो जाएगी वहीं दूसरी ओर इस सैक्शन की कई दशक पुरानी रेल समय सारिणी में भी बदलाव किया जाएगा। संभवतः अधिक और नई ट्रेनों को चलाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। दरअसल वर्तमान समय में कालका से शिमला तक लगभग 96 किलोमीटर लंबे सांपनुमा पहाड़ी मोड़ों पर ट्रेन लगभग 5.30 से 6 घंटे में सफर पूरा करती है। रफ्तार बढ़ने के बाद इसका समय घटकर लगभग 4 घंटे ही रह जाएगा। जिससे ट्रेन संचालन के समय की बचत होगी और अतिरिक्त ट्रेन चलाई जा सकेंगी। पर्यटकों को अधिक ट्रेन में उपलब्ध होगी और रेलवे की आय भी बढ़ेगी।
रेल कोच फैक्टरी बनाएगी 100 विस्टाडोम डिब्बे
बता दें अभी तक इस सैक्शन पर पर्यटन सीजन में रेल मोटर कार सहित 7 अन्य दिनों में 6 ट्रेनें चलाई जाती हैं। गत वर्ष केन्द्रीय रेल मन्त्री ने अधिकारियों को आधुनिक सुविधाओं से लैस पारदर्शी छत वाले अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रेल कोच निर्माण के आदेश दिए थे। रेलवे ने कपूरथला रेल कोच फैक्टरी को 100 विस्टाडोम डिब्बे बनाने के लिए आर्डर दिए थे जिनमें से एक गाड़ी के लिए 6 डिब्बों का रैक बनकर आएगा जिसे फिलहाल ट्रायल के तौर पर चलाया जाएगा। यदि सब योजनाबद्ध तरीके से चला तो एक माह बाद तेज गति टॉय ट्रेन पर्यटकों के लिए चलाई जाएगी।