कालका (पंचकूला), 16 अप्रैल (हप्र)कभी क्लासरूम की पहली बेंच पर बैठकर सपने देखती एक छात्रा... आज उसी कॉलेज की कमान संभालने लौटी है। श्रीमती अरुणा आसिफ अली राजकीय पीजी कॉलेज कालका की पूर्व टॉपर गीतू सुखीजा अब इस कॉलेज की प्रिंसिपल बन गई हैं। यह सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि कालका के लिए गर्व, उम्मीद और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है।इस ऐतिहासिक क्षण पर कॉलेज एल्युमिनाई एसोसिएशन ने गीतू सुखीजा का जोरदार अभिनंदन किया। एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट विजय बंसल ने कहा कि किसी शैक्षणिक संस्था के लिए इससे बड़ी उपलब्धि क्या हो सकती है कि उसकी ही एक प्रतिभाशाली छात्रा अब उसी की मार्गदर्शक बनी हो। गीतू न केवल कॉलेज की टॉपर रहीं, बल्कि हमेशा शिक्षा और अनुशासन में मिसाल रही हैं।समर्पित परिवार, शिक्षा से गहरा नातागीतू सुखीजा का परिवार शिक्षा जगत से गहराई से जुड़ा है। उनकी मां एक प्रतिष्ठित आर्य स्कूल की प्रिंसिपल रहीं, वहीं उनके पति सुरेंद्र सुखीजा पंचकूला कॉलेज में प्रोफेसर रहे हैं। उनकी बेटी ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में टॉप करके परिवार की तीन पीढ़ियों की विद्वत्ता की मिसाल कायम की।'मेरा कॉलेज, मेरी ज़िम्मेदारी' - प्रिंसिपल सुखीजास्वागत के दौरान गीतू सुखीजा ने भावुक होकर कहा कि इस कॉलेज ने मुझे पहचान दी, अब बारी मेरी है इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की। छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए मैं अपनी पूरी ऊर्जा लगा दूंगी। उन्होंने कहा कि वह कॉलेज को एक रोल मॉडल संस्थान के रूप में स्थापित करना चाहती हैं।नई दिशा की तैयारीएल्युमिनाई एसोसिएशन के सदस्यों – संजय बंसल, तेजभान गांधी, अरुण कोड़ा, जितेंद्र तंवर और शशि गुप्ता – ने प्रस्ताव रखा कि जल्द ही प्रिंसिपल सुखीजा के नेतृत्व में एक विशेष मीटिंग आयोजित की जाएगी, ताकि कॉलेज और पूर्व छात्रों के बीच सहयोग और गहरा हो।