ज्वाइंट टीचर्स एसोसिएशन ने राज्यपाल से उठाए शिक्षकों के प्रमुख मुद्दे
ज्वाइंट टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बलबीर सिंह ढोल की अगुवाई में चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से राज भवन में मुलाकात की। इस दौरान डैपुटेशन, समग्र शिक्षा, कंप्यूटर टीचरों और यूटी कैडर से जुड़े प्रमुख मुद्दे उठाए गए।
संयोजक डॉ. रमेश चंद शर्मा, चेयरमैन रणवीर झोरड़, कानूनी सलाहकार अरविंद राणा, महासचिव अजय शर्मा, खजांची प्रवीण कौर और रितु मैडम ने प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा कि डैपुटेशन पर आए कर्मचारियों को 2022 से डीए देने में देरी हो रही है, जबकि पॉलिसी बनने के बावजूद प्रशासन मनमानी कर रहा है।
प्रतिनिधियों ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन एमएचए की 1982 की गाइडलाइंस की अनदेखी कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि पॉलिसी मामलों में गृह सचिव और वित्त सचिव की भी शमूलियत होनी चाहिए ताकि हरियाणा और पंजाब दोनों को बराबरी मिले।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आरोप लगाया कि डैपुटेशन पर आए प्रिंसिपल्स और अध्यापकों के खिलाफ जानबूझकर फर्जी शिकायतें कराई जा रही हैं। इसके अलावा समग्र शिक्षा के कर्मचारियों को 2021-22 के एरियर, कंप्यूटर टीचरों को तीन साल के बकाया एरियर, और यूटी कैडर के शिक्षकों को 20 कैजुअल लीव और हाफ पे लीव देने की मांग भी रखी गई। राज्यपाल ने सभी मुद्दे ध्यान से सुनने के बाद विशेष सचिव बी.पी. सिंह को प्रशासन से जवाब मांगने और जॉइंट टीचर्स एसोसिएशन के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।