पंजाब को नशे से मुक्त करना हम सभी की साझी जिम्मेदारी : कटारिया
कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल द्वारा पौधारोपण के साथ हुई, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक चेतना के संयोजन का संदेश दिया। कॉलेज के विद्यार्थियों ने "नशा मुक्त भारत" विषय पर नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रदर्शनी और अन्य रचनात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से नशे के विरुद्ध प्रभावशाली संदेश दिए, जिन्हें राज्यपाल ने सराहा और युवाओं को मंच पर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने कहा कि पंजाब संतों, शहीदों और गुरुओं की भूमि है। दुर्भाग्य से आज यह राज्य नशे की गंभीर चुनौती से जूझ रहा है। हमें पीड़ितों से घृणा नहीं, सहानुभूति रखनी चाहिए। उन्हें पुनर्वास केंद्रों की मदद से मुख्यधारा में लौटाने की कोशिश करनी चाहिए।
समारोह में उन सरपंचों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने गांवों को नशा मुक्त बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया। साथ ही, नशा छोड़ चुके प्रेरणादायक व्यक्तियों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने शिक्षण संस्थानों से अपील की कि वे अपने परिसरों को पूरी तरह नशा मुक्त घोषित करें और छात्रों में जागरूकता और अनुशासन बनाए रखें। उन्होंने कहा कि सरकार ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान चला रही है, लेकिन इसकी असली जीत तभी होगी जब समाज इसमें कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, आईएएस अधिकारी ललित जैन, कॉलेज चेयरमैन सुंदर लाल अग्रवाल, अकाली दल केजला प्रधान परविंदर सिंह सोहाना, प्रिंसिपल डॉ. मनदीप कौर समेत बड़ी संख्या में छात्र, सरपंच और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।