आईपीसी–आईपीएसकॉन 2025 : महिला नेतृत्व, नवाचार और युवा कौशल की रही खास भागीदारी
इंडियन फार्माकोलॉजी सोसाइटी की 55वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आईपीसी–आईपीएसकॉन 2025 का दूसरा दिन महिला नेतृत्व, स्वास्थ्य नवाचार और युवा वैज्ञानिकों की नई ऊर्जा से भरा रहा। विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने बताया कि भारतीय महिला शोधकर्ता अब वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान में अहम नेतृत्वकारी भूमिका निभा रही हैं और उनकी मौजूदगी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार मजबूत हो रही है।
सम्मेलन में दिनभर चार ओरेशन व्याख्यान और 16 वैज्ञानिक संगोष्ठियां आयोजित हुईं। छात्रों के बीच फार्माकोलॉजी में महिलाओं का सशक्तीकरण सत्र सबसे लोकप्रिय रहा। यूआईपीएस के न्यूरोसाइकोफार्माकोलॉजी विभाग के 50 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष कार्यक्रम हुआ, जिसमें पूर्व छात्र डॉ. चंद्रशेखर ने पांच लाख रुपये की अनुदान निधि की घोषणा की और चार मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।
रूस की डॉ. ओल्गा तारासोवा ने अपने व्याख्यान में दवा खोज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कम्प्यूटेशनल तकनीकों की तेजी से बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला। स्टार्टअप और उद्यमिता सत्रों में युवाओं ने फार्मा-बायोटेक क्षेत्र में उभरते करियर अवसरों की जानकारी ली। मासिक धर्म स्वास्थ्य, एआई आधारित दवा सुरक्षा और क्लीनिकल फार्मासिस्ट करियर पर भी अलग सत्र हुए।
