मोहाली के डीआईसी महाप्रबंधक को अतिरिक्त प्रभार से उद्योगपति परेशान
मोहाली के औद्योगिक समुदाय ने महाप्रबंधक (जीएम) की जिम्मेदारियों को अतिरिक्त प्रभार के रूप में सौंपे जाने के निर्णय के बाद जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) के कामकाज पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उद्योगपतियों ने बताया है कि मोहाली के डीआईसी में पूर्णकालिक महाप्रबंधक की अनुपस्थिति के कारण उद्योग के प्रमुख मुद्दों, जैसे परियोजनाओं की मंज़ूरी, विभिन्न योजनाओं के तहत अनुमोदन और लंबे समय से लंबित शिकायतों के समाधान में देरी हो रही है। अतिरिक्त प्रभार की व्यवस्था के कारण संबंधित अधिकारी के लिए जिले के औद्योगिक क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों पर पर्याप्त समय और ध्यान देना मुश्किल हो गया है।
राज्य के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक होने के नाते मोहाली को जिला उद्योग केंद्र से निरंतर सहयोग की आवश्यकता है। उद्योगपतियों का कहना है कि एमएसएमई को समय पर सहायता प्रदान करने, सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन, एकल-खिड़की मंजूरियों और विलंबित भुगतान मामलों के समाधान के लिए एक पूर्णकालिक महाप्रबंधक होना बेहद जरूरी है। राज्य के उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि अगर दोहरे चार्ज पर कोई दिक्कत आती है तो विचार किया जाएगा ।