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‘भारत बनेगा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप्स में दिख रही वैश्विक कंपनियों की झलक’

देश की अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप संस्कृति को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने सोमवार को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं कैंपस, मोहाली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बड़े दावे और योजनाएं साझा कीं। कार्यक्रम का...
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केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य और ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू के साथ मोहाली की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूआं कैंपस में सोमवार को कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए।-निस
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देश की अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप संस्कृति को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने सोमवार को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं कैंपस, मोहाली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बड़े दावे और योजनाएं साझा कीं। कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य और ऊर्जा मंत्री खट्टर ने राज्यसभा सांसद संधू के साथ संयुक्त रूप से किया।

राज्यसभा सांसद एवं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप अर्थव्यवस्था बन चुका है और तेज़ी से वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था 4.19 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है और यह 7.8% की विकास दर से आगे बढ़ रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस रफ्तार से भारत अगले दो वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनकर जर्मनी को पीछे छोड़ देगा।

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संधू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न से शुरू हुए ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों ने युवाओं को नया मंच, वित्तीय सहयोग और नवाचार का आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने कहा कि आज भारत में पेटीएम, अपग्रेड और क्रेड जैसे 119 यूनिकॉर्न हैं, जिनकी वैश्विक कंपनियों गूगल, एप्पल, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, टेस्ला और उबर जैसी क्षमताएं हैं।

वर्ष 2014 में जहां भारत में केवल 400 स्टार्टअप थे, वहीं आज यह संख्या 1.76 लाख से अधिक हो चुकी है। इन स्टार्टअप्स ने अब तक 12,000 से अधिक पेटेंट दर्ज करवाए हैं और जून 2025 तक 17.6 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने का अनुमान है।

स्टार्टअप्स के लिए सरकार की व्यापक योजना

संधू ने बताया कि सरकार ने स्टार्टअप्स के विकास के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये का विशेष बजट रखा है। सरकार का लक्ष्य 2035 तक यूनिकॉर्न की संख्या 1,000 और आगे चलकर 5,000 तक ले जाने का है। इसके लिए साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रक्षा तकनीक, फार्मास्यूटिकल्स और डीपटेक जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

संधू ने बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भी स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। वर्ष 2012 से अब तक विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा 150 से अधिक स्टार्टअप शुरू किए गए हैं, जिनमें से आठ महिला नेतृत्व वाले हैं। सीयू-टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर ने 2023-24 में 1126 पेटेंट दाखिल कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। यंग प्रोग्रेसिव सिख फोरम के अध्यक्ष डॉ. प्रभलीन सिंह, वेंचर कैटालिस्ट्स के वंश ओबेरॉय और ‘अपना’ संगठन के उपाध्यक्ष प्रीत दीप सिंह ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि ‘कैंपस टैंक’ जैसी पहल युवाओं को रोजगार, फंडिंग और नवाचार के नए अवसर प्रदान करेगी।

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