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भारत-अमेरिका संबंध चिंताओं के बावजूद और मजबूत होंगे : सिब्बल

चंडीगढ़, 22 फरवरी (ट्रिन्यू) भारत और अमेरिका के संबंधों को लेकर चिंताओं के बावजूद, यह साझेदारी आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी। यह कहना है पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल का, जो ‘भारत और नई उभरती विश्व व्यवस्था’ संगोष्ठी...
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चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज 11 में पूर्व छात्र संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मौजूद पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल व अन्य अतिथि।
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चंडीगढ़, 22 फरवरी (ट्रिन्यू)

भारत और अमेरिका के संबंधों को लेकर चिंताओं के बावजूद, यह साझेदारी आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी। यह कहना है पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल का, जो ‘भारत और नई उभरती विश्व व्यवस्था’ संगोष्ठी में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज 11 चंडीगढ़ के पूर्व छात्र संघ ने किया।

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2024 में भारत और अमेरिका के बीच $129.2 बिलियन का व्यापार हुआ, जिसमें अमेरिका ने $41.8 बिलियन का निर्यात किया और भारत ने $87.4 बिलियन। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है, जबकि भारत अमेरिका के लिए दसवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। हालांकि, व्यापार असंतुलन, अवैध प्रवासन और यूएसएआईडी की मतदाता भागीदारी फंडिंग जैसे मुद्दे आपसी संबंधों पर असर डाल रहे हैं। कृषुमी कॉरपोरेशन के विनीत नंदा ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बीच, भारत और अमेरिका को लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन को बढ़ावा देने के लिए साथ आना होगा।

अवैध प्रवासियों के प्रत्यावर्तन पर कंवल सिब्बल ने कहा कि जो भारतीय अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे, उन्हें वहां कानूनों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ा। हालांकि, अब यह तय हुआ है कि महिलाओं और बच्चों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाएगा।

यूएसएआईडी द्वारा $21 मिलियन की कथित मतदाता भागीदारी फंडिंग पर सिब्बल ने कहा कि अगर ट्रंप खुद इस फंडिंग को स्वीकार कर रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि समस्या भारत में नहीं, बल्कि अमेरिका की नीतियों में है।

भारत-अमेरिका साझेदारी का भविष्य

पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त हरदयाल सिंह ने कहा कि आर्थिक संबंध, रक्षा सहयोग और साझा लोकतांत्रिक मूल्य इस रिश्ते को मजबूत बनाए रखेंगे। इस कार्यक्रम में राजदूत विवेक काटजू और कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रमा अरोड़ा भी मौजूद रहीं।

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