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भारत में ग्लोबल लीडर बनने की अपार संभावनाएं : धनखड़

पंजाब विश्वविद्यालय में पांचवीं ग्लोबल एलूमनी मीट : गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी हुए शामिल
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जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 21 दिसंबर

विकसित भारत कोई सपना नहीं है बल्कि यह देश का लक्ष्य है। भारत में आज ग्लोबल लीडर बनने की अपार संभावनाएं हैं। आज जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं गिर रही हैं वहीं भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और भारत दुनिया में पांचवें नंबर पर है। अगले दो साल के भीतर जापान और जर्मनी को पछाड़कर हमारी अर्थव्यवस्था तीसरे नंबर आ जायेगी। 1990 में स्विटजरलैंड के पास सोना गिरवी रखने वाले देश के पास आज 700 गुना रिजर्व फंड है। यह बात आज पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ ने यहां पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित पांचवी ग्लोबल एलूमनी मीट के उद्घाटन भाषण में कही। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिये हो पा रहा है क्योंकि भारत के पास गुदड़ी के लाल (योग्य नेता) और जीनियस दिमाग है। उन्होंने कहा कि इसमें शिक्षण संस्थानों का बड़ा और अहम रोल है क्योंकि यहां होने वाली रिसर्च और इनोवेशन से देश तरक्की कर रहा है। आईआईटी-आईआईएम और इसरो जैसे संस्थान देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।

इससे पूर्व ग्लोबल एलूमनी मीट की शुरुआत गुजरात के राज्यपाल और पंजाब विश्वविद्यालय पूर्व छात्र आचार्य देवव्रत के प्रेरक भाषण से हुई। उन्होंने पूर्व छात्रों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे उनकी उपलब्धियां वर्तमान छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करती हैं, जो विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कुलपति प्रो. रेनू विग ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और स्मृति चिन्ह प्रदान किये। चांसलर जगदीप धनखड़ ने इससे पहले कैंपस में अपनी मां केसरी देवी और भगवती देवी की याद में पौधे भी लगाये। एयरपोर्ट पर सीनेटर व एडिशनल सोलीसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने चांसलर का स्वागत किया।

पूर्व छात्रों ने साझा किये अनुभव

इस कार्यक्रम में डॉ केके पॉल (पूर्व राज्यपाल), अनुभवी पत्रकार और द प्रिंट के संस्थापक शेखर गुप्ता और आईपीएस अधिकारी और एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल सहित प्रख्यात पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव सांझा किये। पॉल ने पंजाब विश्वविद्यालय में अपनी यात्रा की यादों को साझा किया, व्यक्तिगत उपाख्यानों की एक श्रृंखला बुनी जो दर्शकों को गहराई से प्रभावित हुई। शेखर गुप्ता ने आपातकाल हटने के बाद द इंडियन एक्सप्रेस में अपने शुरुआती करियर के बारे में भी बताया। एक भावपूर्ण समारोह में विश्वविद्यालय ने गोल्डन बैच (1974) और सिल्वर बैच (1999) के पूर्व छात्रों को सम्मानित किया। डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन रूमिना सेठी, रजिस्ट्रार वाईपी सर्मा और डीन एलूमनी लतिका शर्मा द्वारा उनके संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान और उनके अल्मा मेटर के साथ उनके स्थायी बंधन को मान्यता देने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रस्तुत किए गए।

छात्र हिरासत में लिये, पुतला फूंकने के फिर भी प्रयास

चंडीगढ़ पुलिस ने पीयू प्रशासन के आग्रह पर आज सवेरे ही 9 छात्रों को हिरासत में ले लिया ताकि चांसलर के कार्यक्रम में कोई व्यवधान न हो। इन सभी डिटेन किये गये छात्रों को हालांकि दोपहर बाद छोड़ दिया गया। छात्र संगठन सत्थ ने आज चांसलर और कुलपति के पुतले फूंकने का ऐलान कर रखा था। भले ही पुलिस ने एहतियातन छात्रों को हिरासत में ले लिया हो मगर फिर भी चंद छात्रों ने बड़ी चालाकी से लाइब्रेरी के सामने एक सांकेतिक पुतला फूंकने का प्रयास किया। कुछ छात्र पहले से ही लाइब्रेरी के भीतर प्रवेश कर गये और मौका पाकर 8-9 छात्रों ने थैले से पुतले निकालकर उन्हें जलाने का प्रयास किया।

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