Independence Day : रंगों और कहानियों में सजी देशभक्ति की महक, WICCI ने पीजीआई के नन्हे योद्धाओं संग बांटे मुस्कान और उम्मीद
Independence Day : पीजीआई चंडीगढ़ के पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी विभाग में शुक्रवार की सुबह कुछ खास थी। वार्ड में कहीं रंग बिखरे थे, कहीं हंसी की गूंज, और हर ओर देशभक्ति का जोश। यहां वीमेन इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (WICCI) डाइवर्सिटी एंड इंक्लूजन काउंसिल ने नन्हे मरीजों के लिए आर्ट थेरेपी और स्टोरीटेलिंग वर्कशॉप का आयोजन किया—एक ऐसा दिन, जो बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और दिलों में उम्मीद छोड़ गया।
काउंसिल की अध्यक्ष नवनीत ग्रेवाल और उपाध्यक्ष मनिंदर पामा के साथ आठ सदस्य—जो सेवामुक्त और सेवारत सैन्य अधिकारियों की पत्नियां हैं-ने बच्चों के साथ रचनात्मकता और संवेदनाओं से भरा दिन बिताया। काउंसिल में प्रशिक्षक, शिक्षक, भाषा विशेषज्ञ, फैशन स्टाइलिस्ट, उद्यमी और फैब्रिक कलाकार शामिल हैं, जो इससे पहले वृद्धाश्रम, दृष्टिहीन संस्थान, मदर टेरेसा मिशनरीज ऑफ चैरिटी, सीनियर वेटरंस होम, क्वीयर लिफाफा और आईटीबीपी भानु जैसे संस्थानों में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
वर्कशॉप की शुरुआत टोट बैग पेंटिंग प्रतियोगिता से हुई, जहां बच्चों ने कपड़े के बैग पर अपने नाम के शुरुआती अक्षर और रंग-बिरंगे चित्र बनाए। इसके बाद उंगलियों की कठपुतलियों और प्रॉप्स के साथ कहानी सुनाने का सत्र हुआ, जिसने हर उम्र के बच्चे को अपनी जादुई दुनिया में खींच लिया। खास तैयार किया गया डाइस गेम भी बच्चों की खिलखिलाहट का कारण बना।
कार्यक्रम के अंत में प्रार्थना और राष्ट्रगान हुआ-सभी की आवाज़ में वही गर्व और उत्साह झलक रहा था, जिसे शब्दों में बांधना मुश्किल है। विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता ने काउंसिल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, बल्कि उनके मन में सकारात्मक सोच और जागरूकता भी भरते हैं।
यह दिन बच्चों के लिए सिर्फ एक वर्कशॉप नहीं, बल्कि रंगों, कहानियों और देशभक्ति की एक यादगार किताब का नया पन्ना बन गया।