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Dual Citizenship: इंड यूएस कनाडा ने बताया- डुअल सिटीजनशिप से कैसे पूरा हो सकता है 'विकसित भारत' का सपना

Dual Citizenship: चंडीगढ़ में की इंड यूएस कनाडा के प्रतिनिधियों ने प्रेस कांफ्रेंस

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विक्रम बाजवा।
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Dual Citizenship: चंडीगढ़, यूएसए और कनाडा में भारतीय प्रवासी समुदाय के 79 प्रमुख संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाला समूह - 'इंड यूएस कनाडा' ने भारत सरकार से डुअल सिटीजनशिप (दोहरी नागरिकता) लागू करने करने की मांग की है। फोरम की अगुवाई विक्रम बाजवा ने की। बाजवा ने कहा कि डुअल सिटीजनशिप कोई साधारण प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला ऐतिहासिक कदम हो सकता है।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाजवा ने विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका और कनाडा में 80 लाख से अधिक प्रवासी भारतीय रहते हैं, जो भारत की सबसे मजबूत संपत्तियों में से एक हैं। फिर भी, डुअल सिटीजनशिप से मिलने वाले अधिकारों और सुरक्षा के अभाव में भारत उनकी वित्तीय क्षमता, प्रोफेशनलिज्म और वैश्विक प्रभाव का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहा है।

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बाजवा ने बताया कि इस्राइल, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और यहां तक कि पाकिस्तान जैसे देश भी अपने प्रवासी समुदाय की शक्ति को बढ़ाने के लिए डुअल सिटीजनशिप का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया “जब ये देश अपने प्रवासी समुदाय को मजबूत कर सकते हैं, तो भारत क्यों इस मुद्दे पर शांत है?”

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बाजवा ने दोहराया कि डुअल सिटीजनशिप एक ऐतिहासिक सुधार साबित हो सकती है, जो भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगी और प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत मिशन को गति देगी। हाल के टैरिफ बढ़ोतरी और जियो पोलिटिकल तनावों के कारण कई भारतीय, अमेरिकी प्रोफेशनल्स और उद्यमी अस्थिर स्थिति में हैं। डुअल सिटीजनशिप उन्हें भारत में निवेश, संपत्ति निर्माण और आर्थिक जुड़ाव जारी रखने के लिए आवश्यक सुरक्षा और भरोसा देगी।

कनाडा में भारतीय समुदाय, खासकर पंजाबियों के खिलाफ बढ़ते अपराध और घटनाओं को लेकर उन्होंने गहरी चिंता जताई। डुअल सिटीजनशिप प्रवासी परिवारों को अतिरिक्त सुरक्षा, कानूनी स्पष्टता और भारत की ओर से मजबूत समर्थन प्रदान कर सकती है।

फोरम ने यह भी कहा कि डुअल सिटीजनशिप से भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक ताकत विश्व स्तर पर और सशक्त होगी। इससे भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ेगी और ग्लोबल डिसीजन मेकिंग में भारत की स्थिति और मजबूत होगी। आर्थिक दृष्टि से, यह कदम भारत में अभूतपूर्व निवेश ला सकता है। भावनात्मक और कानूनी जुड़ाव मजबूत होने से एनआरआई, तकनीक, रियल एस्टेट, स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ा सकता है। इससे नॉलेज ट्रांसफर, रिसर्च कोलैबोरेशन और इनोवेशन साझेदारी और आसान होगी, जिससे भारत को हाई-टेक लीडर बनने में बड़ी मदद मिलेगी।

फोरम का मानना है कि डुअल सिटीजनशिप लागू होने से पर्यटन पहल में भी तेजी आएगी। यात्रा में सरलता, नियमों में सुगमता और भावनात्मक जुड़ाव मिलने से प्रवासी परिवार भारत में सामाजिक और शैक्षिक योगदान बढ़ाएंगे।

'इंड यूएस कनाडा" ने प्रधानमंत्री मोदी और नीति-निर्माताओं से आग्रह किया कि वे वैश्विक भारतीय समुदाय की इस लंबे समय से चली आ रही मांग पर गंभीरता से विचार करें। फोरम ने कहा कि डुअल सिटीजनशिप केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि भारत की पूर्ण क्षमता को विश्व मंच पर उजागर करने का शक्तिशाली मार्ग है।

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