जीरकपुर, 1 जून (हप्र)
जीरकपुर के लोग जहां बस सुविधा न होने से परेशान हैं, वहीं यहां कहीं पर भी यात्रियों की सुविधा के लिए बस अड्डा नहीं बन सका है। यात्रियों को गर्मी, सर्दी तथा बरसात में खुले आसमान के तले खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। यहां बस अड्डे के निर्माण का मुद्दा करीब ढाई दशक से चल रहा है। इस बीच कई सरकारें आईं और चली गईं लेकिन जनता की समस्या की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जैक रेजिडेंटस वैलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव चौधरी ने इस बारे में पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को लिखे पत्र में कहा है कि यहां के लोग बस चालकों की मनमानी पहले ही झेल रहे हैं। यहां से निकलने वाली ज्यादातर बसें पुल के ऊपर से ही निकलती हैं, जिस कारण यात्रियों को खासी दिक्कतें आती हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली से आने वाले यात्रियों को बसों द्वारा जीरकपुर से करीब पांच किलोमीटर पहले ही उतार दिया जाता है। यहां बने शेड में न तो कोई बैठने की व्यवस्था है और न ही यहां पानी व लाइट की व्यवस्था है। यात्रियों को यहां उतरने के बाद जीरकपुर तक ऑटो या कैब से जाना पड़ता है।
ऐसी ही स्थिति चंडीगढ़ से दिल्ली की तरफ जाने वाले यात्रियों की है। यहां बस ठहराव के नाम पर कुछ भी नहीं है, जिसके चलते बस चालक बसों को एक निर्धारित स्थान पर नहीं रोकते हैं। आगे-पीछे बसें रुकने के कारण कई बार यात्री हादसों का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ से आने वाली बसें भी जीरकपुर से काफी आगे आकर रुकती हैं। इसके चलते यात्रियों को वापस जीरकपुर में पटियाला चौक तक निजी एवं प्राइवेट वाहनों से जाना पड़ता है।
सुखदेव चौधरी ने बताया भीषण गर्मी के बावजूद किसी भी बस ठहराव पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है। यही नहीं यहां दिन ढलते ही बस रुकने वाले स्थानों पर अंधेरा छा जाता है।