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दो दिवसीय कार्यशाला में औषधीय पौधों की बताई महत्ता

चंडीगढ़, 11 जून (ट्रिन्यू) औषधीय पौधों की महत्ता के बारे में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में अनेक लोगों ने भाग लिया। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित कार्यशाला में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख...

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चंडीगढ़ में पुस्तक का लोकार्पण करते राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व अन्य।- ट्रिन्यू
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चंडीगढ़, 11 जून (ट्रिन्यू)

औषधीय पौधों की महत्ता के बारे में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में अनेक लोगों ने भाग लिया। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित कार्यशाला में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के स्कूलों के 120 शिक्षकों ने भाग लिया।

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हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर के विद्या भारती द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन 11 जून को पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने किया।

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इस मौके पर राज्यपाल कटारिया ने जैव विविधता संरक्षण के सर्वोच्च महत्व पर जोर दिया। इसके बाद ‘सफलता की खेती : औषधीय पौधों के लिए ओमप्रकाश के जुनून पर एक केस स्टडी नामक एक पुस्तिका का विमोचन किया। विद्या भारती उत्तर भारत के क्षेत्रीय प्रमुख देशराज शर्मा भी मौजूद रहे। एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. भोलाराम गुर्जर ने सभी का स्वागत किया। एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख डॉ. उपेंद्रनाथ रॉय ने देश के औषधीय पौधों के उत्पादन पर एक व्यापक प्रस्तुति दी। कार्यशाला के कार्यक्रम में ‘युवा मन को हर्बल पौधों के महत्व के बारे में शिक्षित करना’, ‘हर्बल गार्डन की स्थापना’ और ‘औषधीय पौधों के अनेक लाभ’ जैसे विषयों पर सत्र शामिल थे, जिन्हें इं. सुनील धीमान, ओम प्रकाश और डॉ. बलजिंदर कौर जैसे विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत किया गया।

कार्यशाला का एक मुख्य आकर्षण प्रतिभागियों के बीच 10 पौधों की पहचान करने और उनके औषधीय उपयोग पर एक निबंध लिखने की एक उत्तेजक प्रतियोगिता थी।

इसमें प्रथम पुरस्कार सपना शर्मा, भारतीय विद्यामंदिर, कटरा, द्वितीय पुरस्कार रचना, एसएसबी सरस्वती बाल मंदिर, नयी दिल्ली, तृतीय पुरस्कार सुरिंदर कुमार, एसबीएम सरस्वती विद्या मंदिर, उचाना मंडी को दिया गया।

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