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कौशल्या नदी किनारे हो रहे अवैध निर्माणों पर लगे रोक

शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में की मांग
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पिंजौर में कौशल्या नदी किनारे किया जा रहा निर्माण। -निस
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पिंजौर स्थित कौशल्या नदी पर वर्ष 2012 में बनाए गए कौशल्या डैम के फ्लड गेट के एकदम सामने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 242 फ्लैट बनाने और डीएलएफ कंपनी द्वारा आज भी अन्य भवनों का निर्माण करना सीधे-सीधे किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है। इसी मामले में शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को शिकायत भेजकर निर्माण कार्य को तुरंत रुकवाने, डैम निर्माण में हुई धांधली में दोषी 25 अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने और डैम से छोड़े जाने वाले पानी से गांव रामपुर सियुड़ी और चंडीगढ़, पंचकूला-शिमला नेशनल हाईवे के निचले इलाके को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए रामपुर सियुड़ी में कंक्रीट की पक्की रिटेनिंग वॉल बनाने की भी मांग की है।

विजय बंसल ने बताया कि कौशल्या डैम का निर्माण कार्य अप्रैल 2008 में शुरू हुआ और वर्ष 2012 में डैम बनकर तैयार हो गया था लेकिन इसके निर्माण में धांधली की शिकायत की गई थी। तब विभाग की विजिलेंस जांच के बाद एक्सईएन एसके नरवाल ने रिपोर्ट दी थी कि तकनीकी सलाह लिए बिना चौड़ा करके बनाया डैम अमरावती, पंचकूला, चंडीगढ़ के कुछ इलाकों के लिए ‘वॉटर बम’ साबित हो सकता है और इसके निर्माण में अनेक अनियमितताएं बरती जा रही हैं लेकिन बावजूद इसके डैम के एकदम सामने बिना अनुमति अर्थिक रुप से कमजोर लोगों के लिए फ्लैट और अवैध रूप से भवनों का निर्माण जारी है जबकि उन्होंने 2015 में सिंचाई विभाग से आरटीआई से जानकारी मांगी थी जिसमें बताया गया कि विभाग ने फ्लैट बनाने की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद उन्होंने 2014 में मुख्यमंत्री से डैम निर्माण की अनियमितताओं पर विभागीय जांच करने की मांग की थी। तब पहली बार उनकी मांग पर 6 जनवरी 2015 को अधिकारियों के विरुद्ध पहली एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद जांच रिपोर्ट 2018 में आई जिसमें सिंचाई विभाग के कई मुख्य अभियंताओं, जेई स्तर के कुल 25 अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए विभागीय कार्रवाई की मांग की थी। इतना ही नहीं विजिलेंस ने जांच में बताया था कि डैम के निर्माण में बहुत बड़े स्तर पर अनियमितताएं पाई गई थीं लेकिन आज तक किसी अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने वर्ष 2020 को मुख्यमंत्री को दोबारा पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने, नदी किनारे पक्की रिटेनिंग वॉल बनाने की मांग भी की थी लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विजय बंसल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर अवैध रूप से नए फ्लैट और अन्य भवन आज भी बनाए जा रहे हैं।

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