तुगलकी फरमान वापस नहीं हुए तो जायेंगे कोर्ट
सेक्शन बढ़ाने पर भी फीस वसूलने का अारोप, बोर्ड बदलने की दी चेतावनी
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूलों ने सीबीएसई के खिलाफ खोला मोर्चा/कहा
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 9 अगस्त (हप्र)
सीबीएसई द्वारा समय समय पर थोपे जा रहे फैसलों से असंतुष्ट क्षेत्र के प्राइवेट स्कूलों ने चेताया है कि सीबीएसई अपने तुगलकी फरमान वापस ले अन्यथा वे अदालत का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने स्पष्ट किया कि यदि सीबीएसई का यही रवैया रहा तो वे सीबीएसई बोर्ड से कन्नी काट लेंगे।
बुधवार को चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान स्कूल संगठनों ने सीबीएसई के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लगभग तीन हजार स्कूलों के प्रतिनिधियों ने साफ कर दिया कि सीबीएसई मात्र परीक्षा संचालन करने वाली एजेंसी है और वे बार-बार कह चुके हैं कि स्कूलों में नियम प्रदेश सरकार के लागू होंगे फिर भी सीबीएसई आये दिन कोई न कोई आॅर्डर जारी कर प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों को परेशानी में डाल देती है।
हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस (एचपीएससी) के अध्यक्ष एसएस गोसाईं, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र, फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एंड एसोसिएशन आॅफ पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह, लीगल कनवीनर संजीव कुमार सैनी और चंडीगढ़ स्थित इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन के महासचिव आरडी सिंह ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सीबीएसई के नियमों में साफ तौर पर लिखा गया है कि दो एकड़ में बने स्कूल संचालक 48 सेक्शन बना सकते हैं लेकिन इस साल सीबीएसई ने नया फरमान जारी करते हुये कहा है कि यदि कोई स्कूल नया सेक्शन शुरू करता है तो उसे 75 हजार रुपये जमा करवाने होंगे। साथ ही सीबीएसई का यह भी कहना था कि कोविड में स्कूलों में सेक्शन कम हुये हैं और यदि अब स्कूल संचालक सेक्शन बढ़ा रहे हैं तो सीबीएसई कैसे सेक्शन बढ़ाने की फीस चार्ज कर रही है। नियमों में 48 सेक्शन बनाने तक कोई फीस चार्ज न करने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि पहले एक सेक्शन मे 40 से 50 विद्यार्थियों को पढ़ा सकते थे लेकिन सीबीएसई ने एक अन्य आदेश जारी कर एक सेक्शन में 40 बच्चों तक को पढ़ाने का प्रावधान रखा है। यदि ऐसे में किसी कक्षा में 81 विद्यार्थी हो जायें तो स्कूल संचालकों को मजबूर होकर तीन सेक्शन बनाने होंगे। ऐसे में एक बच्चे के लिये अतिरिक्त सेक्शन बनाना असंभव है। स्कूल प्रबंधकों ने बताया कि सीबीएसई द्वारा पांच साल बाद अनुबंध बढ़ाने पर केवल पचास हजार रुपये लेने का प्रावधान है। साथ ही सीबीएसई नियमों के अनुसार बिल्डिंग सेफ्टी के लिये स्कूल संचालकों को अब पीडब्ल्यूडी से हर साल सेफ्टी सर्टिफिकेट लेना होगा, जबकि पहले यह सर्टिफिकेट सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंजीनियर भी दे सकता था।
एसोसिएशन ने चेताया कि यदि सीबीएसई इसी तरह स्कूल संचालकों को परेशान करती रही तो जल्द ही वे इन नीतियों के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे और हजारों प्राइवेट स्कूल अपना बोर्ड बदलने के लिये मजबूर हो जायेंगे।