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प्रभु राम के बिना भारतीयता की पहचान संभव नहीं : कटारिया

सात दिवसीय श्री राम कथा का शुभारंभ चंडीगढ़ के सेक्टर 34 में प्रदर्शनी ग्राउंड पर हुआ, जिसमें पंजाब के राज्यपाल तथा चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि रहे। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान और श्री राम कृपा सेवा ट्रस्ट...

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सात दिवसीय श्री राम कथा का शुभारंभ चंडीगढ़ के सेक्टर 34 में प्रदर्शनी ग्राउंड पर हुआ, जिसमें पंजाब के राज्यपाल तथा चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि रहे।

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान और श्री राम कृपा सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित यह कथा 23 से 29 नवम्बर तक प्रतिदिन शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक हो रही है। वाचन संस्थान के संचालक और संस्थापक आशुतोष महाराज की शिष्या, मानस मर्मज्ञ कथा व्यास साध्वी श्रेया भारती अपनी मंडली सहित कर रही हैं।

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कथा के प्रथम दिवस कटारिया सहित स्वामी परमानंद, स्वामी गुरुकृपानंद, सतनाम सिंह (ऐरो स्पेस इंजीनियर अमरीका), डॉक्टर हरपाल सिंह (मैक्स हॉस्पिटल मोहाली) तथा ट्रस्ट से जगमोहन गर्ग, अनूप गुप्ता, प्रदीप बंसल और रामबीर भट्टी ने प्रभु की ज्योति प्रज्वलित कर आयोजन की शुरुआत की। डॉक्टर दीपक भसीन ने दैनिक यजमान पूजन किया। बी एल शर्मा (सेक्रेटरी चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट), मुकेश गोयल (एमडी निर्माण घर) और लक्ष्मी नारायण गोयल ने भी यजमान पूजन में भाग लिया।

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अपने प्रवचनों में साध्वी श्रेया भारती ने कहा कि प्रभु राम का चरित्र विश्व संस्कृति में उज्ज्वल और शाश्वत तत्व है। भारतीय संस्कृति में श्री राम कथा का विशिष्ट महत्व है और प्रभु राम के बिना भारतीयता का अस्तित्व और उसकी पहचान संभव नहीं है। साध्वी ने कहा कि प्रभु को बुद्धि से नहीं समझा जा सकता, क्योंकि बुद्धि की सीमा होती है। शास्त्रों के अनुसार जहां बुद्धि की सीमा समाप्त होती है, वहीं सच्चे ज्ञान का प्रारंभ होता है।

माता सती के प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सती ने बुद्धि और इंद्रियों से राम की लीला को जानने का प्रयास किया, किंतु सफल नहीं हुईं। इसी प्रकार अध्यात्म मन और बुद्धि से समझा नहीं जा सकता, क्योंकि अध्यात्म का अर्थ आत्मानुभूति है और यह केवल पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ सतगुरु की कृपा से संभव है। सतगुरु ही साधक को संशय से निकालकर आत्मज्ञान के पथ पर आगे बढ़ाते हैं।

भजनों और प्रवचनों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। प्रथम दिवस की कथा का समापन प्रभु राम की दिव्य आरती के साथ हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने भाव पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा 29 नवम्बर तक जारी रहेगी। कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं को भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।

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