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गांवों में अवैध तौर पर बने होटल एवं कमर्शियल प्रॉपर्टी होगी सील

एक सप्ताह में गिरा दिए जाएंगे कोट बिल्ला रोड पर बने 45 फार्म हाउस

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पंचकूला 18 जून (हप्र )

पंचकूला नगर निगम की रेवन्यू रिलाइजेशन कमेटी की बैठक बुधवार को महापौर कुलभूषण गोयल एवं कमेटी के चेयरमैन सुरेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर में बने गांवों में जिन लोगों द्वारा अवैध तौर पर होटल एवं कमर्शियल प्रॉपर्टी बिना परमिशन खड़ी कर दी गई है, उनको तुरंत प्रभाव से सील कर दिया जाए। इस कार्य को सिरे चढ़ाने के लिए बिल्डिंग इंस्पेक्टर के साथ दो असिस्टेंट प्रोग्राम आफिसर (एपीओ) जांच के लिए लगाए गए हैं, जोकि गांवों में जाकर जांच करेंगे। एक सप्ताह में पूरी रिपोर्ट तैयार होगी। अवैध तौर पर बनी बिल्डिंग से सीएलयू चार्ज जमा करवाए जाएंगे। जब तक यह फीस जमा नहीं करवा देते, तब तक इन्हें सील रखा जाएगा। कुलभूषण गोयल ने बताया कि गांव कोट बिल्ला रोड पर जो 45 फार्म हाउस बने हैं, उन पर भी एक सप्ताह के अंदर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली गई है। इन्हें नोटिस देकर गिरा दिया जाएगा। इन फार्म हाउस में रात के समय में काफी अवैध तौर पर पार्टियां हो रही हैं, जिनकी शिकायतें आ रही हैं।

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कुलभूषण गोयल ने बताया कि नगर निगम में अब तक प्रॉपर्टी टैक्स के इस वर्ष 3 करोड़ 44 लाख रुपए ही एकत्रित हो पाए हैं, जोकि हमारे अनुमान के मुताबिक कम हैं। शहर में एक लाख रुपये से अधिक वाले 1600 संपत्ति मालिकों से प्रापर्टी टैक्स लेना है। 200 प्रॉपर्टी मालिकों से 5 लाख रुपये से अधिक प्रापर्टी टैक्स लेना है। निर्देश दिए गए हैं कि जो संपत्ति मालिकों से 5 लाख रुपये से अधिक की राशि लेनी है, उनको तुरंत नोटिस देकर सील किया जाए। इस वर्ष 25 करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स एकत्रित करने का लक्ष्य रखा है। मोबाइल टावर कंपनियों के 137 मोबाइल टावरों के 3 करोड़ 62 लाख रिकवर करने के निर्देश दिए गए हैं। शहर की मार्केट में दुकानों के आगे काफी बड़े-बड़े विज्ञापन बोर्ड लगाए गए हैं। जिन शोरूम के मालिकों ने 100 स्क्वायर फीट से अधिक बड़ा विज्ञापन बोर्ड लगाया है, उसे या तो नगर निगम को पेमेंट जमा करवानी होगी या वह उतार दिए जाएंगे। शहर में बने वीटा बूथ मालिकों द्वारा नगर निगम को राशि जमा नहीं करवाई जा रही है, उनके बाहर पड़ा सामान उठाया जाएगा और राशि भी वसूल की जाएगी।

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इन कंपनियों पर प्रापर्टी टैक्स बकाया

गोयल ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रापर्टी टैक्स शालीमार स्टेट प्राइवेट लिमिटेड से 2 करोड़ 92 लाख पिछले 3 साल का लेना है। नार्थ पार्क विजय दहिया से एक करोड़ 80 लाख रुपये लेने हैं। शालीमार माल को तुरंत प्रभाव से नोटिस देकर राशि वसूलने या सील करने के निर्देश दिए हैं। एचसीएफ साफ्टवेयर सेक्टर 22 से 22 लाख रुपये, पैरामाउंट सॉफ्टवेयर का 44 लाख रुपये लेने हैं। इसके अतिरिक्त कई सरकारी कार्यालय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग, पीडब्ल्यूडी, कृषि विभाग, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम से लाखों रुपए प्रापर्टी टैक्स लेना है। इन्हें तुरंत प्रभाव से नोटिस दिए जाएंगे।

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