पिंजौर, 23 मई (निस)
एचएमटी प्रबंधन द्वारा बैंक में ईपीएफ जमा न करवाने के कारण बैंक द्वारा गत 2 माह पूर्व बंद किए सैंकड़ों कर्मियों के खातों के कारण लॉकडाउन में कर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गत 2 माह से न तो कर्मियों को सैलरी निकल रही है न ही ठेकेदारों के कामों की पेमेंट क्लीयर हो पा रही है। एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति संरक्षक विजय बंसल ने इस मामले में मुख्यमंत्री एंव प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप कर कर्मियों को वेतन दिलवाने की मांग की है। बंसल ने भाजपा सरकार पर पब्लिक सेक्टर के पिंजौर यूनिट से भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण एचएमटी पिंजौर यूनिट की हालत खस्ता हुई है।
जमीन का पैसा ले लिया, नहीं दिया कर्मियों का बकाया
प्रबंधकों ने कर्मियों के ईपीएफ खातों में 11 करोड़ रुपये जमा नहीं करवाए हैं जबकि एचएमटी मुख्यालय बंगलूरु ने अब तक एचएसआईआईडीसी विभाग से जमीन के बदले कुल 248 करोड़ में से 245 करोड़ रुपए प्राप्त कर लिए हैं और कर्मियों एवं फैक्टरी यूनिट के हित में एक रुपया भी नहीं लगाया हालांकि उसी राशि से फैक्टरी को रिवाईव किया जा सकता था। सितंबर 2019 के बाद से एचएमटी मशीन टूल्स से रिटायर हुए कर्मियों का बकाया तक नहीं दिया गया और अभी तक कंपनी कर्मियों को वेतन नहीं मिला।