पिंजौर, 3 अप्रैल (निस)
एचएमटी पिंजौर यूनिट के बैंक खाते सील हो चुके हैं जिस कारण न तो कर्मियों का बकाया वेतन और न ही ठेकेदारों की पेमेंट क्लियर हो पा रही है। कर्मियों और ठेकेदारों में अपनी पेमेंट्स क्लियर होने पर संशय बना हुआ है। एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति संरक्षक विजय बंसल ने शनिवार को केंद्र की भाजपा सरकार, एचएमटी मुख्यालय पर उत्तर भारत की यूनिट से निरंतर दोहरा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एचएमटी पिंजौर यूनिट की आर्थिक हालत बेहद खस्ता हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कर्मियों के ईपीएफ में एचएमटी यूनिट को पैसे जमाने करवाने होते हैं। अब ईपीएफ (इंपलॉई प्रोविडेंट फंड) के लगभग 11 करोड़ जमा न करवाने के कारण गत महीने से खाते सील पड़े होने के कारण हालात इतने खराब हो चुके है कि सितंबर 2019 के बाद से एचएमटी मशीन टूल्स से रिटायर कर्मियों की बकाया राशि का भुगतान तक नहीं किया गया। कच्चे एंव पक्के कर्मियों को वेतन और ठेकेदारों की भी पेमेंट्स बकाया है। विजय बंसल ने बताया कि एचएमटी प्रशासन को इस्टेट ऑफिस से लगभग 3 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष रुपये मिलता है लेकिन कालोनी की हालत खस्ता है। एचएमटी फैक्ट्री में भी ट्रेक्टर प्लांट के लिए निर्मित 15 करोड़ के स्पेयर पार्ट्स खराब हो रहे हैं।
हर जगह अनदेखी कर वित्तीय नुकसान किया जा रहा है। इस्टेट ऑफिस की प्रतिवर्ष कमाई भी मुख्यालय में जा रही है और धरातल पर कुछ खर्च नहीं किया जा रहा।