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विदेश में हिंदी की गूंज : सुषमा मल्होत्रा और डॉ. वेद व्यास मल्होत्रा का चंडीगढ़ में सम्मान

महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल, एमडीएवी भवन, दरिया में मंगलवार को एक गरिमामय और भावनात्मक वातावरण में अमेरिका के न्यू जर्सी से पधारे प्रसिद्ध कवि-दंपती सुषमा मल्होत्रा और डॉ. वेद व्यास मल्होत्रा का सम्मान किया गया। यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक...

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महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल, एमडीएवी भवन, दरिया में मंगलवार को एक गरिमामय और भावनात्मक वातावरण में अमेरिका के न्यू जर्सी से पधारे प्रसिद्ध कवि-दंपती सुषमा मल्होत्रा और डॉ. वेद व्यास मल्होत्रा का सम्मान किया गया। यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति और शिक्षा की गूंज का उत्सव बन गया।

विद्यालय के मुख्य द्वार पर बैंड-बाजों की गूंज के बीच जब अतिथि पहुंचे तो विद्यार्थियों ने तालियों और मुस्कानों के साथ उनका स्वागत किया। स्कूल प्रबंधन समिति ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर अतिथियों को सम्मानित किया। मंच संचालन किरण प्रभा ने कुशलता से किया और सभी विशिष्ट अतिथियों का परिचय कराया।

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ज्योति प्रज्वलन और गायत्री मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संगीत शिक्षक सुभाष कुमार के निर्देशन में विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत कर वातावरण को सुरों और श्रद्धा से भर दिया।

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 विद्यार्थियों की प्रस्तुति में झलकी संस्कृति और संवेदना

कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साह और रचनात्मकता से भरपूर प्रस्तुतियां दीं। ढोल की थाप पर गरबा नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि ‘विजयी भव’ समूह प्रस्तुति ने देशभक्ति का जोश जगाया। सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर आधारित नाटक ने आधुनिक समाज की हकीकत को सटीकता से पेश किया। इसके बाद छात्रों ने सुषमा मल्होत्रा की प्रसिद्ध कृति ‘थोड़ी सी धूप में’ से चयनित कविताएं पढ़ीं, जिससे सभागार तालियों से गूंज उठा।

साहित्यिक सत्र में हिंदी का वैश्विक संदेश

साहित्यिक सत्र में प्रेम विज, प्रो. गुरदीप गुल, सुरजीत सिंह धीर, गणेश दत्त, डॉ. संगीता शर्मा कुंद्रा गीत, अमृत सोनी और राज विज जैसे प्रसिद्ध रचनाकारों ने अपनी कविताओं से हिंदी की सुंदरता को नए आयाम दिए। सुषमा मल्होत्रा ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में इस स्तर की शिक्षा देना विद्यालय की दूरदर्शी सोच और समर्पण का परिचायक है। उन्होंने कहा, ‘हिंदी केवल भाषा नहीं, यह भारत की आत्मा है जिसे दुनिया के हर कोने में जीवित रखना हमारा कर्तव्य है।’

डॉ. वेद व्यास मल्होत्रा ने कहा कि विदेशी धरती पर रहकर भारतीय संस्कृति और मूल्यों को आगे बढ़ाना उनके जीवन का उद्देश्य है।

प्रेम विज ने कहा कि सुषमा मल्होत्रा विदेश में रहकर भी हिंदी के प्रचार-प्रसार की जो अलख जगा रही हैं, वह प्रेरणादायक है।

के.के. शारदा ने कहा कि ‘अपनी जड़ों से जुड़े रहना ही सुषमा और वेद व्यास मल्होत्रा की असली पहचान है।’

सम्मान, प्रेरणा और भारतीयता का संदेश

कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को विद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

एनआरआई सुदर्शन गर्ग ने सभी मेहमानों और विद्यार्थियों के लिए जलपान की व्यवस्था की। विद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. विनोद शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और भाषा से जोड़ने का कार्य करते हैं। पूरे कार्यक्रम में भारतीय परंपरा, आदर और शिक्षा के प्रति सम्मान का सुंदर संगम देखने को मिला।

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